Uttar Pradesh: बच्चों को पारंपरिक हस्तशिल्प और खेलों में भी अच्छे प्रदर्शन के लिये प्रोत्साहित करें

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को छात्र-छात्राओं को न केवल शैक्षणिक बल्कि पारंपरिक हस्तशिल्प और खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की क्षमता के विकास को लेकर अभी से प्रयास करना होगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

बच्चों को पारंपरिक हस्तशिल्प और खेलों में भी अच्छे प्रदर्शन
बच्चों को पारंपरिक हस्तशिल्प और खेलों में भी अच्छे प्रदर्शन


कौशांबी (उप्र):  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को छात्र-छात्राओं को न केवल शैक्षणिक बल्कि पारंपरिक हस्तशिल्प और खेलों में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रोत्साहित करने पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत बच्चों की क्षमता के विकास को लेकर अभी से प्रयास करना होगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कौशांबी के आलमचंद गांव स्थित माहेश्वरी प्रसाद इंटरमीडिएट कॉलेज में एक कार्यक्रम में कहा,''स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि पारंपरिक हस्तशिल्प और खेलों में भी आगे बढ़ाने की जरूरत है।'

उन्होंने कहा कि स्कूलों को उन नवाचारों का पता लगाने के लिए अनुसंधान केंद्रों में तब्दील किया जाना चाहिये जो 'एक जिला, एक उत्पाद' की पहल में योगदान दे सकते हैं।

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विद्यार्थियों से सच्चाई का दामन थामे रखने और धर्म के मार्ग पर चलने का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि महानता अचानक हासिल नहीं होती है बल्कि इसके लिए कड़ी मेहनत और समर्पण की जरूरत होती है।

शिक्षा क्षेत्र में निजी संस्थानों के योगदान की सराहना करते हुए उन्होंने छात्रों को अपने नियमित पाठ्यक्रम के साथ-साथ पुस्तकालय का दौरा करने के लिए प्रोत्साहित किया। साथ ही उन्होंने नई पुस्तकों से ज्ञान प्राप्त करने के महत्व पर जोर दिया।

मुख्यमंत्री ने पुस्तकालयों को डिजिटल पुस्तकालयों में परिवर्तित करने के महत्व पर भी जोर दिया और कहा कि सरकार इस प्रयास के लिए हर संभव सहायता प्रदान करेगी।

आदित्यनाथ ने जिलाधिकारी को कौशांबी में उच्च शिक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने का निर्देश दिया और कहा कि इसमें बालिकाओं की उच्च शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही उन्होंने इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए इलाहाबाद विश्वविद्यालय के कुलपति से मार्गदर्शन लेने की सलाह दी।

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मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के इतिहास से संबंधित एक कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया।

 










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