अनुसूचित जनजाति के लोगों के भूमि बेचने के मामले को लेकर ओडिशा विस में हंगामा

डीएन ब्यूरो

ओडिशा में अनुसूचित जनजाति के लोगों को अपनी जमीनें गैर-आदिवासियों को बेचने की मंजूरी देने संबंधी राज्य सरकार के फैसले के विरोध में विधानसभा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

ओडिशा विस में हंगामा
ओडिशा विस में हंगामा


भुवनेश्वर: ओडिशा में अनुसूचित जनजाति के लोगों को अपनी जमीनें गैर-आदिवासियों को बेचने की मंजूरी देने संबंधी राज्य सरकार के फैसले के विरोध में विधानसभा में बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विधानसभा के सदस्य जैसे ही प्रश्नकाल के लिए एकत्र हुए भाजपा और कांग्रेस विधायक विधानसभा अध्यक्ष के आसन के समीप आ गए और फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग करते हुए नारेबाजी की। सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के सदस्यों ने एकदूसरे को ‘आदिवासी विरोधी’ कहा।

ओडिशा मंत्रिमंडल ने 14 नवंबर को एक कानून में संशोधन करने का फैसला किया जिसके बाद अनुसूचित क्षेत्रों में रह रहे अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लोग उप जिलाधिकारी से एक लिखित अनुमति के साथ अपनी जमीन गैर-आदिवासियों को बेच सकें। हालांकि दो दिन बाद सरकार ने फैसले पर रोक लगा दी।

कांग्रेस सदस्यों ने ‘पंचायत एक्सटेंशन टू शिड्यूल्ड एरियाज’ अधिनियम 1996 को लागू करने की मांग की। सदन में शोर-शराबा जारी रहने पर अध्यक्ष प्रमिला मलिक ने कार्यवाही पहले दोपहर 12 बजे तक और उसके बाद और 45 मिनट के लिए स्थगित कर दी।

भाजपा सदस्यों ने बाद में विधानसभा के बाहर बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया। विधानसभा में भाजपा के मुख्य सचेतक मोहन माझी ने कहा, ‘‘यूं तो राज्य सरकार बड़े-बड़े दावे करती है कि वह आदिवासियों की है, आदिवासियों के लिए है और आदिवासियों के द्वारा है, लेकिन सरकार के हालिया कदम से यह उजागर हो गया है कि वह आदिवासी विरोधी है।’’

उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल का फैसला संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। माझी ने कहा, ‘‘ हमें समझ नहीं आ रहा कि सरकार ने आदिवासियों की जमीनें हड़पने के लिए इतना कड़ा निर्णय क्यों लिया।’’

सदन में व्यवधान के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा,‘‘ हमने विधानसभा अध्यक्ष से सदन का सारा कामकाज रोककर इस मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रस्ताव लाने का अनुरोध किया था। हालांकि उस अनुरोध को खारिज कर दिया गया, इसलिए हमने सदन के अंदर प्रदर्शन किया।’’

कांग्रेस के मुख्य सचेतक ताराप्रसाद वाहिनीपति ने कहा कि पार्टी ने मंत्रिमंडल के एक निर्णय का स्वागत किया था लेकिन अनुसूचित जाति भूमि को गैर-आदिवासियों को हस्तांतरित करने की अनुमति देने के निर्णय के पक्ष में नहीं थे।

ओडिशा के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री सुदाम एम. ने विपक्ष के आरोप को खारिज किया और दावा किया कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजू जनता दल (बीजद) सरकार ने हमेशा आदिवासियों के कल्याण के लिए काम किया है।










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