Joshimath Sinking: सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ भूधंसाव संबंधी याचिका पर सुनवाई से किया इंकार, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को दिया ये आदेश

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने जोशीमठ भूधंसाव से प्रभावित लोगों को राहत, पुनर्वास की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से इंकार कर दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने याची को हाईकोर्ट जाने को कहा (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट ने याची को हाईकोर्ट जाने को कहा (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने उत्तराखंड के जोशीमठ में भू-धंसाव संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए अदालती हस्तक्षेप के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया।

उच्चतम न्यायालय ने प्रभावित लोगों को राहत, पुनर्वास के लिए स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से उत्तराखंड उच्च न्यायालय का रुख करने को कहा।

प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा एवं जे. बी. पारदीवाला की पीठ ने याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती को अपनी याचिका के साथ उत्तराखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा।

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बद्रीनाथ और हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थस्थानों एवं अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग केंद्र औली का प्रवेश द्वार जोशीमठ भू-धंसान के कारण एक बड़े संकट का सामना कर रहा है।

याचिकाकर्ता की दलील है कि बड़े पैमाने पर औद्योगिकीकरण के कारण भू-धंसाव हुआ है और इससे प्रभावित लोगों को तत्काल वित्तीय सहायता और मुआवजा दिया जाए।

इस याचिका में कहा गया है, 'मानव जीवन और उनके पारिस्थितिकी तंत्र की कीमत पर किसी विकास की आवश्यकता नहीं है और अगर ऐसी कुछ चीजें होती भी हैं, तो यह राज्य एवं केंद्र सरकार का कर्तव्य है कि इसे तुरंत रोका जाए।'

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बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने अपने वकील के जरिये उच्चतम न्यायालय ने जोशीमठ भूधंसाव से प्रभावित लोगों को राहत, पुनर्वास की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी।










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