UP Excise Policy: यूपी में अब एक ही दुकान में मिलेगी बियर, देशी और अंग्रेजी शराब
यूपी की आबकारी नीति में बड़ा बदलाव हुआ है। अब शराब की दुकानों का लाइसेंस लाटरी सिस्टम से मिलेगा। साथ ही हर तरह की शराब एक ही दुकान से बेची जा सकेगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2025-26 के लिए नई आबकारी नीति जारी कर दी है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य 55,000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाना और शराब कारोबार को अधिक मजबूत बनाना है। नई नीति में देशी-विदेशी शराब, बीयर, भांग की फुटकर दुकानों का लाइसेंस ई-लॉटरी से होगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विभाग इस बार पुराने लाइसेंस का रिन्यूवल नहीं करेगा। बता दें कि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2018-2019 में ई-लॉटरी से दुकानें आवंटित हुई थी। हालांकि वित्तीय वर्ष 2026-27 में लाइसेंस रिन्यूवल का विकल्प दिया जाएगा।
सूत्रों के अनुसार आबकारी नीति में प्रदेश में पहली बार कंपोजिट दुकानों का लाइसेंस भी जारी किया जाएगा, जिसमें विदेशी शराब, बीयर और वाइन की एक साथ बिक्री की सुविधा होगी। हालांकि इन दुकानों पर शराब पीने की अनुमति नहीं होगी।
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नई नीति में 55 हजार करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष से 4000 करोड़ रुपये अधिक है। वहीं प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस का रिन्यूवल 25 लाख रुपये वार्षिक फीस लेकर करने का फैसला लिया गया है।
पिछले साल की तरह लाइसेंस फीस यथावत रखी गई है। कोई भी व्यक्ति, फर्म, कंपनी दो से अधिक लाइसेंस नहीं ले सकेंगी।
निजी प्रयोग के लिए निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक मदिरा क्रय, परिवहन एवं निजी कब्जे में रखने के लिए वैयक्तिक होम लाइसेंस की व्यवस्था सरल की गई है। लाइसेंस के लिए सालाना फीस 11 हजार रुपये और सिक्योरिटी 11 हजार रुपये होगी।
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लाइसेंस उन लोगों को ही मिलेगा, जो तीन वर्ष से लगातार आयकरदाता होंगे। उन्हें अपना आयकर रिटर्न भी दाखिल करना होगा। इसमें न्यूनतम दो वर्षों में आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 प्रतिशत श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया हो।
यदि कृषि आय से 20 प्रतिशत आयकर के स्लैब में आने के बावजूद किसी आवेदक पर कर की देयता नहीं बनती हो, तब ऐसा आवेदक भी लाइसेंस के लिए अर्ह होगा।