नए खिलाड़ियों से बेफिक्र, वृद्धि के लिए महानगरों से बाहर नजर: बरिस्ता सीईओ

डीएन ब्यूरो

कॉफी हाउस बरिस्ता के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रजत अग्रवाल ने कहा है कि वह नए खिलाड़ियों और अंतरराष्ट्रीय श्रृंखलाओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से बेफिक्र हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह आगे वृद्धि के लिए महानगरों से बाहर संभावनाएं तलाश रहे हैं। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

कॉफी हाउस बरिस्ता के सीईओ  रजत अग्रवाल
कॉफी हाउस बरिस्ता के सीईओ रजत अग्रवाल


नयी दिल्ली: कॉफी हाउस बरिस्ता के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रजत अग्रवाल ने कहा है कि वह नए खिलाड़ियों और अंतरराष्ट्रीय श्रृंखलाओं से बढ़ती प्रतिस्पर्धा से बेफिक्र हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि वह आगे वृद्धि के लिए महानगरों से बाहर संभावनाएं तलाश रहे हैं।

दिग्गज कॉफी हाउस टिम हॉर्टन्स, टाटा स्टारबक्स, हाल ही में शुरू हुए ‘प्रेट ए मंगर’ जैसे बड़े ब्रांड से लेकर ब्लू टोकाई, स्लीपी आउल और रेज कॉफी जैसे स्थानीय स्टार्टअप तक, हर कोई चाय के लिए प्रसिद्ध देश में कॉफी पर बड़ा दांव लगा रहे हैं।

बरिस्ता के सीईओ ने कहा कि नए खिलाड़ियों को तेजी से विस्तार करना होगा, क्योंकि बरिस्ता 100 से अधिक शहरों में उपस्थिति के साथ तेजी से वृद्धि दर्ज कर रही है। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा एकीकृत कॉफी हाउस है।

बरिस्ता ने पिछले महीने उदयपुर (राजस्थान) में भारत में अपना 350वां स्टोर खोला था। कंपनी को आने वाले दो वर्षों में ये आंकड़ा बढ़कर 500 तक पहुंचने की उम्मीद है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अग्रवाल ने   कहा, ‘‘हम पहले ही 350वां स्टोर खोल चुके हैं। हम अपने स्टोर की संख्या के लिहाज से काफी आगे हैं। हम कुछ नए ब्रांड से बहुत आगे हैं। यह फासला दूर करने के लिए उन्हें बहुत तेजी से बढ़ना होगा। हम पहले ही तेज गति से बढ़ रहे हैं और हर साल करीब 60-70 नए स्टोर खोल रहे हैं।''

बरिस्ता की शुरुआत 2000 में हुई थी। इस ब्रांड ने भारतीयों को वास्तव में इतालवी कॉफी के स्वाद से परिचित कराया।

उन्होंने कहा कि अब ‘‘हम महानगरों से आगे’’ देख रहे हैं। ब्रांड ने पहले ही पिछले दो-तीन वर्षों में गैर-महानगरों में अच्छी वृद्धि दर्ज की है।

उन्होंने कहा कि भारत की कॉफी संस्कृति पिछले 6-7 वर्षों में ही बढ़ी है और जहां हर खिलाड़ी के लिए विशाल क्षमता है।










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