एसआरएस के ऑडिट में अनियमितता के मामले में दो लेखा परीक्षकों पर तीन साल का प्रतिबंध
राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने 2017-18 में एसआरएस लिमिटेड के लेखा परीक्षण के संबंध में पेशेवराना कदाचार और अन्य खामियों के लिए दो लेखा परीक्षकों (ऑडिटरों) पर जुर्माना लगाया गया है और उन्हें तीन साल के लिए ऑडिट करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय वित्तीय रिपोर्टिंग प्राधिकरण (एनएफआरए) ने 2017-18 में एसआरएस लिमिटेड के लेखा परीक्षण के संबंध में पेशेवराना कदाचार और अन्य खामियों के लिए दो लेखा परीक्षकों (ऑडिटरों) पर जुर्माना लगाया गया है और उन्हें तीन साल के लिए ऑडिट करने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।
एनएफआरए ने दो अलग-अलग आदेशों में दोनों ऑडिटर- पंकज कुमार और नरेश कुमार पर तीन-तीन लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और उनपर तीन साल तक किसी कंपनी या निकाय के कार्यों और गतिविधियों का ऑडिट करने की रोक लगा दी है।
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एसआरएस लिमिटेड और समूह की अन्य कंपनियों के मामलों की जांच कर रहे गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (एसएफआईओ) से पत्र मिलने के बाद एनएफआरए ने यह आदेश दिया।
एसएफआईओ की जांच में खुलासा हुआ था कि कंपनी और उसकी समूह की इकाइयों ने देनदारों के झूठे बयानों वाले वित्तीय विवरण प्रस्तुत किए थे। ये कंपनियां लेन-देन संबंधी कदाचार में लिप्त थीं, जिसके चलते खरीद और बिक्री को बढ़ाचढ़ाकर दिखाया गया था।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार एनएफआरए ने एसआरएस लिमिटेड के वैधानिक ऑडिटरों की जांच के बाद कंपनी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई शुरू की थी।
सूचीबद्ध कंपनी और एसआरएस समूह की एक कंपनी एसआरएस लिमिटेड के खिलाफ अगस्त, 2018 में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश के बाद कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (सीआईआरपी) के अंतर्गत कार्रवाई हुई।