दंपति की हत्या के तीन दोषियों को फांसी की सजा, जानिये पूरा ‘दुर्लभ से दुर्लभतम' मामला
मध्य प्रदेश में जबलपुर की एक अदालत ने 2021 में अपने पड़ोस में रहने वाले दंपति की हत्या करने के जुर्म में तीन दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने इस अपराध को ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ करार दिया। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
जबलपुर: मध्य प्रदेश में जबलपुर की एक अदालत ने 2021 में अपने पड़ोस में रहने वाले दंपति की हत्या करने के जुर्म में तीन दोषियों को मौत की सजा सुनाई है। अदालत ने इस अपराध को ‘‘दुर्लभ से दुर्लभतम’’ करार दिया।
अतिरिक्त सत्र अदालत के न्यायाधीश अनिल चौधरी ने बृहस्पतिवार को तीनों को मौत की सजा सुनाई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी भागवत उइके बताया कि अदालत ने दोषियों को फांसी की सजा सुनाते हुए कहा कि उनका अपराध ‘दुर्लभ से दुर्लभतम’ की श्रेणी में आता है।
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उन्होंने कहा कि अदालत ने पुष्पराज कुशवाहा और उनकी पत्नी नीलम की हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) के तहत दोषी ठहराए जाने के बाद तीन दोषियों- रवि कुशवाहा, राजा कुशवाहा और विनय कुशवाहा को मौत की सजा सुनाई।
उइके ने कहा कि तीनों ने 14 जून, 2021 को दंपति को चाकू मार दिया था। घायल पति-पत्नी को अस्पताल ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
मामले के विवरण के अनुसार, तीनों पुष्पराज के भाई गोलू के घर में घुस गए और विवाद को लेकर उन्हें, उनकी पत्नी और उनके पांच वर्षीय बेटे प्रतीक को चाकू मार दिया। ये सभी जबलपुर के गोरखपुर मोहल्ले में रहते थे। जब पुष्पराज और उसकी पत्नी, गोलू और उसके परिवार को बचाने आए तो आरोपियों ने दंपत्ति को भी चाकू मार दिया।
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उइके ने कहा कि अदालत ने तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 450 (आजीवन कारावास के साथ दंडनीय अपराध करने के लिए घर में अतिचार), धारा 307 (हत्या का प्रयास), धारा 34 (साझा इरादा), 324 (खतरनाक हथियार से चोट पहुंचाना) और अन्य के तहत भी दोषी ठहराया।
उन्होंने कहा कि इन मामलों में सजा साथ साथ चलेगी।