

एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में निदेशक और प्रधानाध्यापक पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन देने वालों के लिए संभवत: अब पीएचडी के शोधार्थियों को ‘गाइड’ करना और अपना शोधकार्य किसी प्रतिष्ठित प्रत्रिका में प्रकाशित करना अनिवार्य योग्यताओं की सूची में नहीं होगा। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली: एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों में निदेशक और प्रधानाध्यापक पदों पर नियुक्ति के लिए आवेदन देने वालों के लिए संभवत: अब पीएचडी के शोधार्थियों को ‘गाइड’ करना और अपना शोधकार्य किसी प्रतिष्ठित प्रत्रिका में प्रकाशित करना अनिवार्य योग्यताओं की सूची में नहीं होगा। एक विशेषज्ञ पैनल द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया में बदलावों के संबंध में की गई सिफारिशों के आधार पर ऐसा संभव हो सकता है।
देश में तकनीकी शिक्षा का नियमन करने वाले परिषद अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने पदों के लिए मौजूदा योग्यताओं में संशोधन करने के विभिन्न संकाय सदस्यों के अनुरोध पर यह पैनल गठित किया था।
मौजूदा नियम 2019 से प्रभावी हैं और उनके अनुसार, निदेशक या प्रधानाध्यापक पद के लिए शॉर्टलिस्ट किये जाने के लिए अभ्यर्थी का कम से कम दो सफल पीएचडी शोधार्थियों का गाइड या सह-गाइड होना और सरकार से मान्यता प्राप्त शैक्षणिक पत्रिका में उसके कम से कम आठ शोधपत्र प्रकाशित होना अनिवार्य है।
No related posts found.