सशस्त्र बलों में परंपराओं, नवाचार के बीच संतुलन होना चाहिए
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नवाचार को अपनाते हुए सशस्त्र बलों की परंपराओं को कायम रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि दोनों के बीच संतुलन होना चाहिए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
हैदराबाद: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को नवाचार को अपनाते हुए सशस्त्र बलों की परंपराओं को कायम रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि दोनों के बीच संतुलन होना चाहिए।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार रक्षामंत्री ने हैदराबाद के निकट दुन्डिगल में वायु सेना अकादमी में कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड को संबोधित करते हुए कहा कि परंपराओं का पालन करने से व्यवस्था केवल झील में रुके हुए पानी की तरह बन जाएगी और अगर इसे नवाचार के साथ जोड़ा जाए, तो यह हमेशा ताजा पानी प्रदान करने वाली नदी बन जाएगी।
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सिंह ने कहा,'' सशस्त्र बलों में परंपराएं महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि वे समय की कसौटी पर खरी उतरी हैं। इन्होंने लंबे समय तक उपयोगी उद्देश्यों की पूर्ति की है। इसलिये परंपराओं को उचित महत्व देना जरूरी है। वहीं, एक महत्वपूर्ण बात है, अगर हम बिना सोचे-समझे परंपराओं का पालन करेंगे, तो हमारी व्यवस्था में स्वाभाविक रूप से ठहराव आ जाएगा।''
उन्होंने दुनिया में लगातार बदलती परिस्थितियों में नवाचार के महत्व पर जोर दिया।
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सिंह ने नवनियुक्त ‘फ्लाइंग ऑफिसर’ से हमेशा अपनी नई सोच और विचारधारा बनाए रखने का भी आह्वान किया।