Uttar Pradesh: किशोरी के अपहरण और रेप के दोषी को कोर्ट ने सुनाई ये सजा, जानिये सुल्तानपुर का पूरा मामला
सुलतानपुर की एक अदालत ने किशोरी को भगाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और उसका सहयोग करने वाली एक युवती को सात साल के कैद की सजा सुनायी है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
सुलतानपुर: सुलतानपुर की एक अदालत ने किशोरी को भगाकर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोपी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास और उसका सहयोग करने वाली एक युवती को सात साल के कैद की सजा सुनायी है। विशेष लोक अभियोजक ने इसकी जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक विशेष लोक अभियोजक अजय कुमार सिंह ने सोमवार को बताया कि किशोरी को बहला कर भगा ले जाने एवं उसके साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय एवं विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) अभय श्रीवास्तव की अदालत ने मुख्य आरोपी पंकज कोरी को दोषी करार देते हुए 10 वर्ष के कठोर कारावास तथा 65 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में अदालत ने सह आरोपी युवती नीलम कोरी को दोषी करार देते हुए सात वर्ष के कैद एवं 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है।वहीं अदालत ने साक्ष्य के अभाव में एक महिला आरोपी को बरी कर दिया है।
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अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 50 हजार रुपये प्रतिकर के रूप में पीड़िता के पक्ष में देने का भी आदेश पारित किया ।
उन्होंने घटना के संदर्भ में बताया कि जिले के धम्मौर थाना क्षेत्र स्थित टंडवा गांव के रहने वाले आरोपी पंकज कोरी के खिलाफ इसी थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने 21 जनवरी 2019 को अपनी 17 वर्षीय पुत्री को बहलाकर भगा ले जाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया था।
इस मामले में आरोपी पंकज कोरी के साथ-साथ इसी थाना क्षेत्र के सुमेरपुर की रहने वाली नीलम कोरी एवं उसकी मां के खिलाफ भी सहयोग करने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया।
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आरोपियों के साथ गई किशोरी के जरिए नगदी और जेवर भी उठा ले जाने की बात प्राथमिकी में कही गई थी।
मामले में मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने पीड़िता की बरामदगी की। बरामद किशोरी ने अपने बयान में तीनों आरोपियों के जरिए बहलाकर भगाने एवं आरोपी पंकज कोरी पर दुष्कर्म करने का आरोप लगाया।
मामले में तीनों आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने आरोप-पत्र दाखिल किया और अपर सत्र न्यायाधीश तृतीय और विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो) की अदालत में सुनवाई हुयी, इसके बाद अदालत मुख्य आरोपी और एक महिला को दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई, जबकि एक अन्य महिला को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया।