टाटा स्टील के सीईओ ने बताया अगले दो साल का फ्यूचर प्लान, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

टाटा स्टील को अगले एक या दो साल में ब्रिटेन में अपने परिचालन के भविष्य पर फैसला करना होगा, क्योंकि वहां उसकी परिसंपत्तियों का ‘जीवनकाल’ समाप्त हो रहा है और यथास्थिति जारी नहीं रह सकती है। कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने यह बात कही है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन (फाइल फोटो)
टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन (फाइल फोटो)


नयी दिल्ली: टाटा स्टील को अगले एक या दो साल में ब्रिटेन में अपने परिचालन के भविष्य पर फैसला करना होगा, क्योंकि वहां उसकी परिसंपत्तियों का ‘जीवनकाल’ समाप्त हो रहा है और यथास्थिति जारी नहीं रह सकती है। कंपनी के वैश्विक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक टी वी नरेंद्रन ने यह बात कही है।

टाटा स्टील ने ब्रिटेन सरकार से दो ब्लास्ट फर्नेस को बदलने के लिए वित्तीय पैकेज मांगा है। इन ब्लास्ट फर्नेस की मियाद 12 से 24 माह में समाप्त हो जाएगी। इसके अलावा कंपनी साउथ वेल्स के अपने पोर्ट टालबोट कारखाने में कॉर्बन उत्सर्जन में कमी के लिए भी वित्तीय पैकेज चाहती है।

नरेंद्रन ने कहा कि कंपनी को या तो वहां अपना परिचालन बंद करना होगा या ब्रिटेन सरकार के वित्तीय पैकेज की मदद से कॉर्बन उत्सर्जन को समाप्त करने की योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा।

नरेंद्रन ने डाइनामाइट न्यूज़ से कहा कि कंपनी ब्रिटेन सरकार से पैकेज के लिए बात कर रही है क्योंकि वहां उसकी संपत्तियों की मियाद समाप्त होने को है। ‘‘यथास्थिति जारी नहीं रह सकती। उन संपत्तियों को या तो बंद करना होगा या हमें एक नए प्रक्रिया मार्ग की ओर बदलाव करना होगा। ऐसे में अगले साल या दो साल में हमें ब्रिटेन के बारे में फैसला करना होगा।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या ब्रिटेन सरकार से मौद्रिक सहायता के अभाव में कंपनी वहां से बाहर निकल जाएगी, उन्होंने कहा, ‘‘ब्रिटेन में यह सरकार के साथ चर्चा का अधिक मामला है। सरकार हमारे साथ बातचीत कर रही है। यह देखना होगा कि वे हमें क्या समर्थन दे सकते हैं या क्या नहीं दे सकते। सरकार के साथ बातचीत के आधार पर हमें यह आकलन करना होगा।’’

टाटा स्टील ने खुद को कॉर्बन मुक्त कंपनी बनाने के लिए ब्रिटेन सरकार से 1.5 अरब पाउंड की मांग की थी। इसके तहत वह कम कॉर्बन उत्सर्जन वाली नई संयंत्र मशीनरी लगाएगी।

हालांकि, ब्रिटेन सरकार ने इस साल की शुरुआत में जवाबी पेशकश दी है, जो कंपनी की उम्मीदों से काफी कम है।










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