समृद्धि एक्सप्रेसवे पर हादसे की शिकार हुई बस का पहले भी कई उल्लंघनों को लेकर चालान किया गया था

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर 25 यात्रियों की मौत से संबंधित सड़क दुर्घटना में शामिल निजी बस पर फरवरी 2021 और जून, 2023 के बीच फिटनेस प्रमाणपत्र की अवधि बीत जाने, अग्निशामक यंत्र नहीं लगे रहने, आपात निकास द्वार जाम रहने समेत विभिन्न उल्लंघनों को लेकर कई बार जुर्माना लगाया गया था। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।

सड़क दुर्घटना (फाइल)
सड़क दुर्घटना (फाइल)


मुंबई: महाराष्ट्र में समृद्धि एक्सप्रेसवे पर 25 यात्रियों की मौत से संबंधित सड़क दुर्घटना में शामिल निजी बस पर फरवरी 2021 और जून, 2023 के बीच फिटनेस प्रमाणपत्र की अवधि बीत जाने, अग्निशामक यंत्र नहीं लगे रहने, आपात निकास द्वार जाम रहने समेत विभिन्न उल्लंघनों को लेकर कई बार जुर्माना लगाया गया था। आंकड़े इसकी गवाही देते हैं।

एक जुलाई को जब यह ‘स्लीपर कोच’ बस पुणे जा रही थी, तब यह बुलढाणा जिले में एक्सप्रेसवे पर पहले एक खंभे से टकरायी थी और फिर डिवाइडर से जा भिड़ी थी, जिससे वह बायीं ओर पलट गयी एवं उसमें आग लग गयी थी। इस हादसे में 25 यात्रियों की मौत हो गयी थी, जबकि चालक एवं उसके सहायक समेत आठ अन्य लोग बाल-बाल बच गये थे। यह बस मुख्यत: नापगुर-पुणे मार्ग पर चलती थी।

ऑनलाइन उपलब्ध ई-चालन रिकार्ड के अनुसार, पांच फरवरी, 2021 से 12 जून 2023 तक इस पर नागपुर ग्रामीण, यवतमाल, औरंगाबाद, पुणे, अहमदनगर और श्रीरामपुर के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों ने यातायात नियमों के विभिन्न उल्लंघनों को लेकर कम से कम सात चालान काटे थे।

इन आंकड़ों से पता चलता है कि सबसे आखिरी चलान 12 जून, 2023 को यवतमाल क्षेत्रीय परिवहन (आरटीओ) द्वारा काटा गया था, जिसमें उसपर ‘स्टेज कैरिज ऑपरेशन’ (कई स्थानों से यात्रियों को चढाने), निर्धारित सीमा से अधिक यात्रियों को बस में बिठाने समेत विभिन्न नियामकीय उल्लंघनों के अलावा ‘विंडस्क्रीन’ के टूटे होने को लेकर 500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

संयोग से हादसे के दिन एक जुलाई को ही कुल 11,200 रुपये देकर इस चालान का निस्तारण किया गया था, जिसमें 500 रुपये टूटे विंडस्क्रीन की खातिर दिये गये थे। ऐसा हरगिज नहीं था कि टूटे विंडस्क्रीन को लेकर बस पर कोई पहली बार कार्रवाई की गयी थी।

आंकड़ों के अनुसार, नागपुर (ग्रामीण) के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने अक्टूबर, 2022 में इस पर विंडस्क्रीन के टूटे रहने तथा अन्य अपराधों को लेकर बस पर जुर्माना लगाया था। अन्य अपराधों में बस के फिटनेस प्रमाणपत्र की अवधि बीत जाना भी शामिल था।

यह चालान 11 अक्टूबर, 2022 को जारी किया गया था, जिसमें अग्निशामक यंत्र नहीं रहने, स्पीड गवर्नर के काम नहीं करने, आपात निकास द्वार के जाम हो जाने जैसे विभिन्न नियामकीय उल्लंघनों को लेकर बस के मालिक एवं चालक पर कुल 38,700 रुपये का जुर्माना लगाया गया था।

इस चालान से पता चलता है कि बस के मालिक और चालक पर फिटनेस प्रमाणपत्र की अवधि खत्म हो जाने को लेकर 24,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। ग्यारह अक्टूबर की शाम को 38,700 रुपये के जुर्माने का भुगतान किया गया था।

संयोग से यह दूसरा मौका था जब इस निजी बस पर फिटनेस की अवधि बीत जाने को लेकर जुर्माना लगाया गया था। ऑनलाइन डाटा के अनुसार अमरावती आरटीओ ने ऐसे ही उल्लंघन को लेकर 24 अगस्त, 2022 को 4000 रुपये का जुर्माना लगाया था।

 










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