Supreme Court: होनहार को मझदार में नहीं छोड़ सकते, देश को है इनकी जरूरत

डीएन ब्यूरो

आईआईटी धनबाद में एडमिशन से वंचित रह गए प्रतिभाशाली छात्र के पक्ष में शीर्ष कोर्ट ने अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग कर बड़ा फैसला सुनाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया छात्र के हित में फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया छात्र के हित में फैसला


नई दिल्ली: फीस (Fees) जमा नहीं कर पाने की वजह से आईआईटी-धनबाद (IIT-Dhanbad) में प्रवेश (Admission) से वंचित रह गए यूपी के मुजफ्फरनगर जिले के छात्र अतुल कुमार (Atul Kumar) के प्रकरण पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपनी असाधारण शक्ति का प्रयोग करते हुए बड़ा फैसला (Decision) सुनाया। पीठ ने आईआईटी धनबाद को इस दलित छात्र को एडमिशन देने का निर्देश (Directed ) दिया। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मामले पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि हम एक ऐसे युवा प्रतिभावान को नहीं गंवा सकते हैं। 

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मुजफ्फरनगर जिले के एक गांव से ताल्लुक रखने वाले 18 वर्षीय दलित छात्र अतुल कुमार को बड़ी राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी धनबाद को आदेश दिया कि छात्र को उसी ब्रांच में एडमिशन दिया जाए, जिसमें वह एडमिशन नहीं ले सका था।

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़

सुप्रीम कोर्ट ने लिया बड़ा फैसला

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सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने अपने आदेश में कहा कि हमारा मानना ​​है कि याचिकाकर्ता जैसे प्रतिभाशाली छात्र को वंचित नहीं किया जाना चाहिए, जो हाशिए पर पड़े समूह से ताल्लुक रखता है और जिसने प्रवेश पाने के लिए हरसंभव प्रयास किया।

पीठ ने कहा कि हम निर्देश देते हैं कि छात्र को आईआईटी-धनबाद में प्रवेश दिया जाए तथा उसे उसी बैच में रहने दिया जाए, जिसमें फीस का भुगतान करने की सूरत में उसे प्रवेश दिया गया होता।

कोर्ट के फैसले ने दी नई ताकत

अतुल ने कहा कि “पटरी से उतरी ट्रेन अब पटरी पर आ गई है।” उसने मुस्कुराते हुए कहा, “मुझे सीट मुहैया करा दी गई है। मैं बहुत खुश हूं। अदालत ने कहा कि मेरी सीट केवल पैसे की दिक्कत की वजह से नहीं छीनी जा सकती। पटरी से उतरी ट्रेन अब पटरी पर आ गई है।” अतुल ने कहा कि उन्हें शीर्ष अदालत से मदद मिलने की उम्मीद थी।

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अतुल ने बताया कि उसके पिता राजेंद्र कुमार मजदूरी और सिलाई का काम करते हैं। अतुल ने घर पर रहकर और ऑनलाइन पढ़ाई करते हुए आईआईटी का एग्जाम पास किया था। समय से पहले डॉक्यूमेंट्स और 17500 रुपये फीस जमा करनी थी, जिसे जुटाने में देरी हो गई। 24 जून को शाम 5 बजे से 3 मिनट पहले आईआईटी की साइट बंद हो गई और अतुल की फीस जमा नहीं हो सकी। इससे उसका एडमिशन रद्द कर दिया गया।

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