आंबेडकर विवादः मेरठ में सपा और कांग्रेस नेताओं ने DM ऑफिस का दरवाजा बंद कर किया प्रदर्शन
यूपी के मेरठ में सपा और कांग्रेस नेताओं ने DM ऑफिस का दरवाजा बंद कर प्रदर्शन किया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज की ये रिपोर्ट।
मेरठः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर और कांग्रेस को लेकर की गई टिप्पणी के बाद से संसद में विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी नोंकझोक देखने को मिल रही है। इसी के मद्देनजर गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में इस प्रकरण को लेकर काफी बवाल देखने को मिला। गुरुवार को समाजवादी पार्टी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कमिश्नरी से कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी कार्यालय का गेट बंद कर जोरदार प्रदर्शन किया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा 18 दिसंबर को विधानसभा के सामने कांग्रेस का प्रदर्शन रोकने के लिए कार्यकर्ताओं को नजरबंद किये जाने का भी विरोध किया। प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस्तीफे की मांग की।
यह भी पढ़ें |
Etawah: सपा नेताओं ने भगवान बुद्ध और बाबा साहब की प्रतिमा का किया अनावरण
एडीएम सिटी को सौंपा ज्ञापन
दोपहर 12 बजे सपा के जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी के नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ता और पदाधिकारी कमिश्नरी चौराहे पर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की फोटो लेकर पहुंचे। उन्होंने नारेबाजी करते हुए कलेक्ट्रेट तक जुलूस निकाला और प्रदर्शन किया। विपिन चौधरी ने कहा कि अमित शाह ने बाबा साहेब का अपमान किया है। समाजवादी पार्टी इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने अमित शाह के इस्तीफे की मांग करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन एडीएम सिटी को सौंपा।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कार्यवाहक जिला अध्यक्ष अवनीश काजला, महानगर कार्यवाहक अध्यक्ष जाहिद अंसारी के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट में जोरदार प्रदर्शन किया। उन्होंने जिलाधिकारी कार्यालय का गेट बंद कर जमकर नारेबाजी की। अवनीश काजला ने कहा कि भाजपा ने डॉ. अंबेडकर का अपमान किया है। इसके लिए गृह मंत्री और प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।
यह भी पढ़ें |
राजनीतिक अखाड़ा बना जनपद सिद्धार्थनगर, पक्ष और विपक्ष आये आमने-सामने
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 18 दिसंबर को विधानसभा का घेराव करने की घोषणा की थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने पुलिस की मदद से कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को अपने-अपने जिले में ही रोक लिया और नजरबंद कर दिया। उन्होंने कहा कि लखनऊ पुलिस के उत्पीड़न से एक युवा कार्यकर्ता प्रभात पांडेय की मौत हो गई। इस घटना की निष्पक्ष जांच कराकर दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।