भारतीय रेलवे को लेकर चौकाने वाली रिपोर्ट, बीते साल 2.7 करोड़ यात्री नहीं कर सके यात्रा, जानिये ये बड़ी वजह

देश में व्यस्त मार्गों पर ट्रेनों की समुचित उपलब्धता नहीं होने से पिछले वित्त वर्ष में कुल 2.7 करोड़ यात्रियों को प्रतीक्षा श्रेणी में टिकट होने की वजह से यात्रा करने का मौका नहीं मिल पाया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Updated : 8 May 2023, 5:57 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: देश में व्यस्त मार्गों पर ट्रेनों की समुचित उपलब्धता नहीं होने से पिछले वित्त वर्ष में कुल 2.7 करोड़ यात्रियों को प्रतीक्षा श्रेणी में टिकट होने की वजह से यात्रा करने का मौका नहीं मिल पाया।

सूचना के अधिकार (आरटीआई) आवेदन के तहत मांगी गई जानकारी से यह जानकारी सामने आई है। इसके मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में कुल 2.7 करोड़ लोग प्रतीक्षा श्रेणी के टिकट कंफर्म नहीं हो पाने से यात्रा नहीं कर पाए। वित्त वर्ष 2021-22 में इस तरह के यात्रियों की संख्या 1.65 करोड़ थी।

मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई आवेदन में प्रतीक्षा श्रेणी वाली टिकटों के बारे में जानकारी मांगी थी। इसके जवाब में रेलवे बोर्ड ने कहा है कि गत 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष में कुल 1.76 करोड़ पीएनआर से जारी टिकट कंफर्म नहीं हो पाने की वजह से अपने-आप निरस्त हो गए। इस वजह से 2.72 करोड़ लोग रेल यात्रा से वंचित रह गए।

हालांकि, पीएनआर के निरस्त होते ही रेलवे उस टिकट की कीमत यात्री को लौटा देता है लेकिन टिकट कंफर्म नहीं होने से यात्रियों को होने वाली असुविधा एक बड़ी समस्या बनी हुई है।

वर्ष 2014-15 में 1.13 पीएनआर निरस्त हुए थे जबकि 2015-16 में यह आंकड़ा 81.05 लाख था। वित्त वर्ष 2016-17 और 2017-18 में यह संख्या क्रमशः 72.13 लाख और 73 लाख रही थी। वर्ष 2018-19 में यह संख्या घटकर 68.97 लाख पर आ गई थी।

हालांकि, महामारी से प्रभावित वित्त वर्ष 2020-21 में यह संख्या गिरकर 38.89 लाख पर आ गई थी लेकिन इसकी वजह यह थी कि महामारी के कारण लंबे समय तक ट्रेनों का परिचालन ही ठप रहा था।

हालांकि, रेलवे का कहना है कि वह लोगों की मांग पर ट्रेन उपलब्धता बढ़ाने की कोशिश में लगा हुआ है। एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा होने पर प्रतीक्षा श्रेणी वाले टिकटों के निरस्त होने की आशंका कम होगी।

Published : 
  • 8 May 2023, 5:57 PM IST

Related News

No related posts found.