पीएसीएल मामले में सेबी समिति ने निवेशकों को मौलिक दस्तावेज देने को कहा
बाजार नियामक सेबी की एक समिति ने पीएसीएल समूह की अवैध योजनाओं के निवेशकों को 17,000 रुपये तक के रिफंड दावों के लिए 20 मार्च तक वास्तविक दस्तावेज जमा करने को कहा है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: बाजार नियामक सेबी की एक समिति ने पीएसीएल समूह की अवैध योजनाओं के निवेशकों को 17,000 रुपये तक के रिफंड दावों के लिए 20 मार्च तक वास्तविक दस्तावेज जमा करने को कहा है।
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की तरफ से गठित समिति ने केवल उन निवेशकों को ही मौलिक दस्तावेज पेश करने को कहा है जिनके आवेदन पत्रों का सफलतापूर्वक सत्यापन हो गया है। सेबी ने यह समिति 2016 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद गठित की थी।
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देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली यह समिति निवेशकों की पात्रता की पुष्टि करने के बाद उन्हें पैसे लौटाने के लिए संपत्तियों के निपटान की प्रक्रिया की देखरेख कर रही है। इसने रिफंड की प्रक्रिया भी चरणबद्ध ढंग से शुरू कर दी है।
सेबी की वेबसाइट पर सोमवार को जारी बयान के अनुसार, समिति ने 15,001 रुपये से लेकर 17,000 रुपये तक के दावों वाले ऐसे पात्र निवेशकों को वास्तविक पीएसीएल पंजीकरण प्रमाण पत्र लाने के लिए कहा है, जिनके आवेदनों का सफलतापूर्वक सत्यापन हो चुका है।
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डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, पर्ल ग्रुप के नाम से चर्चित रहे पीएसीएल ने कृषि एवं रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर खुदरा निवेशकों से 60,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जुटाई थी। निवेशकों के पैसे लौटाने के लिए समूह की संपत्तियों की बिक्री की प्रक्रिया की निगरानी लोढ़ा समिति कर रही है।