महिला सांसदों की अधिक संख्या वाले देशों में दलों के भीतर आरक्षण की व्यवस्था : अध्ययन
लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाले विधेयक पर संसद में जारी बहस के बीच एक थिंक टैंक के अध्ययन से पता चलता है कि कई देशों में जहां महिला सांसदों की संख्या अधिक है, वहां कोटा अनिवार्य करने वाला कोई कानून नहीं है, लेकिन राजनीतिक दलों के भीतर आरक्षण की व्यवस्था है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नयी दिल्ली\: लोकसभा व विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने वाले विधेयक पर संसद में जारी बहस के बीच एक थिंक टैंक के अध्ययन से पता चलता है कि कई देशों में जहां महिला सांसदों की संख्या अधिक है, वहां कोटा अनिवार्य करने वाला कोई कानून नहीं है, लेकिन राजनीतिक दलों के भीतर आरक्षण की व्यवस्था है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के एक विश्लेषण के अनुसार, स्वीडन की संसद में जहां 46 प्रतिशत जनप्रतिनिधि महिलाएं हैं, वहीं, नॉर्वे में 46 प्रतिशत, दक्षिण अफ्रीका में 45 प्रतिशत, ऑस्ट्रेलिया में 38 प्रतिशत, फ्रांस में 35 प्रतिशत और जर्मनी में 35 प्रतिशत महिला सदस्य हैं।
हालांकि, इन देशों में महिलाओं के लिए सीट आरक्षित करने का कोई कानून नहीं है लेकिन कुछ राजनीतिक दल आरक्षण प्रदान करते हैं।
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इक्कीस फीसदी महिला सांसदों वाले बांग्लादेश में महिलाओं को आरक्षण देने वाला कानून है। बांग्लादेश संसद की 300 सीटों में से 50 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हैं।
देश में 17वीं लोकसभा के कुल सदस्यों में से लगभग 15 प्रतिशत महिलाएं हैं, जबकि देश की राज्य विधानसभाओं में महिला सदस्यों का औसत केवल नौ प्रतिशत है। इसी तरह, लगभग 13 प्रतिशत राज्यसभा सदस्य महिलाएं हैं।
राजनीतिक दलों पर गौर करें, तो संसद में बीजू जनता दल (बीजद) की 42 प्रतिशत सदस्य और तृणमूल कांग्रेस की 39 प्रतिशत सदस्य महिला प्रतिनिधि हैं। इसी प्रकार भाजपा की संसद में 14 फीसदी और कांग्रेस की 12 फीसदी महिला सांसद हैं।
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