राजस्‍थान : दलित महिला को बलात्कार के बाद जलाया, मौत; आरोपी गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

राजस्थान के बाड़मेर जिले में बलात्कार के बाद जिंदा जलाने की कोशिश में बुरी तरह झुलसी दल‍ित महिला की शुक्रवार देर रात जोधपुर के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में हत्या का आरोप जोड़ा गया है।

गिरफ्तार (फ़ाइल)
गिरफ्तार (फ़ाइल)


जयपुर: राजस्थान के बाड़मेर जिले में बलात्कार के बाद जिंदा जलाने की कोशिश में बुरी तरह झुलसी दल‍ित महिला की शुक्रवार देर रात जोधपुर के एक सरकारी अस्पताल में मौत हो गई। पुलिस ने शनिवार को बताया कि इस मामले में आरोपी को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में हत्या का आरोप जोड़ा गया है।

पुलिस के अनुसार, आरोपी ने 30 वर्षीय दलित महिला के साथ बलात्कार करने के बाद उस पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा दी थी, जिसमें महिला करीब 50 प्रतिशत झुलस गई थी।

वहीं परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है और मामले में पचपदरा के थाना‍धि‍कारी व बालोतरा के पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) को हटाने की मांग करते हुए एक करोड़ रुपये मुआवजा, परिजन को सरकारी नौकरी देने की मांग की है। पुलिस के अनुसार शव को एमडीएच, जोधपुर के मुर्दाघर में रखा गया है।

मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इस घटना के मद्देनजर राज्‍य में कानून-व्यवस्था बिगड़ने का आरोप लगाते हुए राज्‍य सरकार पर निशाना साधा है।

बाड़मेर के पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद ने बताया, ‘‘महिला को इलाज के लिए जोधपुर भेजा गया था। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।’’ उन्होंने बताया कि आरोपी शकूर खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। महिला की मौत होने के बाद पहले से दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) जोड़ी गई है।

महिला के पति ने बृहस्पतिवार रात को तहरीर दी थी कि आरोपी शकूर खान बृहस्‍पतिवार को उसके घर में घुस गया और उसकी पत्नी (पीड़ि‍ता) के साथ बलात्कार किया व उसे ज‍िंदा जलाने की कोशिश की। घटना के समय महिला घर पर अकेली थी। शिकायत में कहा गया है कि आरोपी ने दो बच्चों की मां महिला पर तेजाब जैसा रसायन डाला और भागने से पहले उसे आग लगा दी।

पुलिस ने कहा कि आरोपी शकूर खान मृतक महिला के गांव का ही रहने वाला है और उसे शुक्रवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया। उन्होंने बताया कि इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की हत्या, बलात्कार सहित अन्य धाराओं तथा अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) कानून की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

पचपदरा के थानाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि परिजनों ने एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिजन को नौकरी देने की मांग की है। शव अभी एमडीएच जोधपुर मुदौघर में रखा हुआ है। उन्होंने कहा कि ज्ञापन देने वाले परिजनों से बातचीत चल रही है।

पीड़ि‍त परिवार के सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए जोधपुर गए बाड़मेर के अतिरिक्‍त जिलाधिकारी अश्विन पंवार ने कहा कि परिवार के सदस्य बालोतरा लौट आए और शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि परिजनों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।

बालोतरा से कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने आरोप लगाया कि विपक्ष इस मुद्दे को गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने पीड़ित परिवार को 25 लाख रुपये की आर्थिक मदद का आश्वासन दिया था लेकिन परिवार गुमराह हो गया और इसके लिए तैयार नहीं हुआ। प्रजापत के अनुसार वे अनुचित मांगों के लिए दबाव बना रहे हैं जो संभव नहीं है। जोधपुर में मौजूद विधायक ने कहा कि वह बालोतरा वापस जा रहे हैं और जायज मांगों पर परिजनों को समझाने का प्रयास करेंगे।

इस संबंध में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने ट्वीट किया है, ‘‘हाथ पर हाथ धरे बैठी प्रदेश की कांग्रेस सरकार एवं इस प्रकार की घटनाएं अस्वीकार्य है। प्रशासन व सरकार इस घटना के सभी पहलुओं की निष्पक्ष जांच कर पीड़िता के परिवारजनों को न्याय दिलाए। अगर थोड़ी भी नैतिकता है तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ सरकार सख्त कार्यवाही करे।’’

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने इस घटना को लेकर राज्‍य सरकार पर निशाना साधा। राठौड़ ने ट्वीट किया, ‘‘बाड़मेर में महिला से दुष्कर्म के बाद उसे जलाने की घटना गहलोत के जंगलराज को दर्शाता है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी जो राजस्थान के गृह विभाग के मुखिया भी है, वह राज्य की लचर कानून व्यवस्था के लिए पूर्णतया जिम्मेदार हैं।’’

पूर्व मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया है, ‘‘दलित महिला के साथ दुष्कर्म कर तेजाब से जला कर मारने के मामले से एक बार फिर स्पष्ट हो गया है कि राजस्थान में अब कोई सुरक्षित नहीं है। दलित और महिलाएं तो बिलकुल नहीं। मानवता को शर्मसार करने वाले इस प्रकरण को एक दिन तक दबाया जाना राजस्थान में सरकार के निंदनीय और संवेदनहीन रवैये को सुस्पष्ट करता है। दोषियों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।’’

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री और जोधपुर से सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने आरोप लगाया कि मह‍िला की मौत इलाज में देरी के कारण हुई। सिंह ने ट्वीट किया, ‘‘दलित महिला से एक मुस्लिम युवक द्वारा दुष्कर्म और उसे जान से मारने की कोशिश के बाद राजस्थान सरकार का रवैया वही रहा जो आरोपी चाहता था। ऊपर से इलाज में की गई देर बताती है कि सामान्य जन की जान की प्रशासन और सरकार को कितनी फिक्र है।’’

भाजपा कार्यकर्ताओं ने बालोतरा में भी विरोध प्रदर्शन किया और बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, पीड़ित परिवार को मुआवजा व एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन दिया।

भाजपा कार्यकर्ताओं ने बालोतरा में भी विरोध प्रदर्शन किया और बाद में पीड़िता के परिवार के सदस्यों के साथ कथित रूप से दुर्व्यवहार करने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई, पीड़ित परिवार को मुआवजा व एक सदस्‍य को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर प्रशासन को ज्ञापन दिया।

भाजपा सांसद और केंद्रीय किसान कल्याण राज्‍य मंत्री कैलाश चौधरी ने भी इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा, ‘‘एक दलित विवाहिता के साथ दुष्कर्म कर उसे तेजाब से जलाने की घटना सम्पूर्ण क्षेत्र के साथ राजस्थान पर काला धब्बा एवं लचर कानून व्यवस्था का प्रमाण है। प्रदेश कांग्रेस के कुशासन में व्याप्त यह जंगलराज आज प्रदेश के हर आमजन के लिए श्राप बन चुका है और गृहमंत्री का पद लिए बैठे गहलोत जी ने प्रदेश की कानून व्यवस्था से आंख मूंद लीं हैं।’’

चौधरी शनिवार को जोधपुर के महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे और पीड़ित परिवार से बातचीत कर न्याय दिलवाने का आश्‍वासन दिया।










संबंधित समाचार