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AYUSH University in Gorakhpur: राष्ट्रपति कोविन्द ने गोरखपुर में रखी यूपी के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की नींव, जानिये खास बातें

उत्तर प्रदेश दौरे पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने शनिवार को गोरखपुर में प्रदेश के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की नींव रखी। भटहट के पिपरी में आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के बाद राष्ट्रपति ने कार्यक्रम को भी संबोधित किया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिये इससे जुड़ी खास बातें
Post Published By: डीएन ब्यूरो
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AYUSH University in Gorakhpur: राष्ट्रपति कोविन्द ने गोरखपुर में रखी यूपी के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की नींव, जानिये खास बातें

गोरखपुर: चार दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश दौरे पर आये राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द आज तीसरे दिन गोरखपुर पहुंचे। राष्ट्रपति ने आज गोरखपुर में महत्वाकांक्षी आयुष यूनिवर्सिटी का शिलान्यास किया। गोरखपुर के भटहट के पिपरी में प्रदेश के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की नींव रखते हुए राष्ट्रपति ने यहां आयोजित कार्यक्रम को भी संबोधित किया। विश्वविद्यालय के भूमि पूजन में राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द व उनकी बेटी स्वाती कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी मौजूद रहे।

कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम योगी 

इससे पहले यहां आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी पत्नी सविता कोविन्‍द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का अभिवादन किया। राष्ट्रपति ने यहां आयुष विश्वद्यालय के शिलान्यास के साथ ही गोरक्षनाथ विश्वविद्यालय में अस्पताल भवन का भी उद्घाटन किया।

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आयुष और आयुष विश्वविद्यालय के बारे में कहा कि शरीर ही समस्त कर्तव्यों को पूरा करने का पहला साधन होता है। इसलिये शरीर को स्वस्थ रखना सबसे ज्यादा आवश्यक है। सभी लोगों की शरीर निरोगी और स्वस्थ रहे, इस उद्देश्य को फलीभूत किये जाने की दिशा में किया जा रहे प्रयासों को सफल बनाने के लिये महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है। 

राष्ट्रपति ने कहा की महायोगी गुरू गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के स्थापना की शिलान्यास करते हुए उन्हें बेहद प्रसन्नता हो रही है। शरीर को स्वस्थ रखने के लिये भारत में अनेक प्रकार की चिकित्सा पद्यतियां प्रचलित रही हैं। भारत सरकार ने आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, युनानी, सिद्ध और होम्योपैथी चिकित्सा पद्यतियों को सामूहिक रूप से आयुष के नाम से जाना जाता है। राष्ट्रपति ने सरकार द्वारा आयुष के विकास में किये गये प्रयासों की भी जानकारी दी और कहा कि यह विश्वविद्यालय यहां की जनता के लिये बड़ा बरदान साबित होगा।

इस मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलायी। आज उसी क्रम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया है। इस मंत्रालय ने लोगों को आरोग्यता प्रदान करेने का लक्ष्य निर्धारित किया है। डेढ़ वर्ष में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप है।

सीएम योगी ने कहा कि दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिन्होंने भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का अनुसरण न किया हो। आज दुनिया में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लग रही है। जबकि अपने में वर्षों हर भोज्य पदार्थ में हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है। देश की आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने के क्रम में ही प्रदेश सरकार के प्रदेश आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है।

आयुषमंत्री धर्मसिंह सैनी ने अपने संबोधन में विस्तार से आयुष विश्वविद्यालय के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह आयुष विश्वविद्यालय मात्र 36 माह की अवधि में पूरा हो जाएगा। 

यह विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी आयुष विद्यालय, होम्योपैथिक कालेज के शैक्षणिक सत्र को एकरूपता प्रदान करेगा। बता दें यह विश्वविद्यालय 299.87 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग डीपीआर बनाकर भेज चुकी है। 

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