Rashtriya Bal Puraskar 2021: मिलिये UP के इस बहादुर छात्र से, किया ऐसा कि मिला राष्ट्रीय बाल पुरस्कार

डीएन ब्यूरो

भारत 26 जनवरी 2021 को अपना 72वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। गणतंत्र दिवस के मौके पर देश के बच्चों और नागरिकों को भी विशेष कार्यों के लिये सम्मानित किया जाता है, मिलिये यूपी के एक ऐसे ही बच्चे से। डाइनामाइट न्यूज रिपोर्ट

मोहम्मद शादाब को मिला बाल पुरुस्कार
मोहम्मद शादाब को मिला बाल पुरुस्कार


नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय, साहसिक और सराहनीय कार्य करने वाले बीर बहादुरों को राष्ट्रीय बाल पुरस्कार देने की घोषणा की जाती है। आज पीएम नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार विजेताओं से संवाद किया। कला संस्कृति, इनोवेशन, शिक्षा, समाज सेवा के क्षेत्र में बेहतर काम करने के लिए इस साल 32 बच्चों को चुना गया है, जिनमें यूपी के बच्चे भी शामल है।

कला संस्कृति के क्षेत्र में 7 बच्चों, इनोवेशन के क्षेत्र में 9 बच्चों, शिक्षा के क्षेत्र में 5 बच्चों, खेल की कैटेगरी में 7 बच्चों और बहादुरी के लिए 3 बच्चों को पुरस्कार मिलेगा. इस कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने संबोधित भी किया।

अलीगढ़ कलेक्ट्रेट स्थित जिला सूचना विज्ञान केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शादाब से सोमवार वर्चुअली रूबरू हुए। अलीगढ़ के जमालपुर निवासी शादाब को अमेरिका में भारतीय संस्कृति व महत्व के प्रचार-प्रसार के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार दिया गया है।

पीएम मोदी ने कहा कि मोहम्मद शादाब ने अमेरिका में भारत का झंडा गाड़ा है। पीएम मोदी ने शादाब से पूछा कि अच्छे काम करने की प्रेरणा कहां से मिलती है, तो शादाब ने बताया कि मुझे अच्छा काम करने की प्रेरणा अपने माता-पिता और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से मिलती है। 

शादाब ने कहा, मैं देश का नाम रोशन करना चाहता हूं। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने देश को मिसाइल दी है, जिससे देश शक्तिशाली हुआ है। मेरे माता-पिता भी कहते हैं कि देश के लिए ऐसा कुछ करो कि लोग आपको याद रखें।

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले कक्षा 11वीं के छात्र मोहम्मद शादाब को भी राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला है। 
मोहम्मद शादाब का कहना है कि मेरे माता पिता ने मुझे कहा कि कुछ ऐसा करिए कि यह देश आपको याद रखे। मेरा यही सपना है कि मैं कुछ ऐसा करूं कि देश मुझे हमेशा याद रखे।

शादाब ने अपने मां-बाप की इन बातों को ध्यान में रखा और आज उन्हें राष्ट्रीय बाल पुरस्कार मिला। 










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