मणिपुर हिंसा को लेकर राजनीतिक जुबानी जंग जारी, मुख्यमंत्री पर विपक्षी नेताओं का एक और वार
कांग्रेस समेत मणिपुर के 10 विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर ‘हिंसा का सूत्रधार’ होने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह तत्काल दखल देकर जातीय हिंसा से पैदा हुए संकट का समाधान सुनिश्चित करें। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: कांग्रेस समेत मणिपुर के 10 विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर ‘हिंसा का सूत्रधार’ होने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह तत्काल दखल देकर जातीय हिंसा से पैदा हुए संकट का समाधान सुनिश्चित करें।
उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को जिम्मेदार ठहराया जाए।
कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), तृणमल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना (यूबीटी) और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) की मणिपुर इकाइयों के नेताओं ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी मांगों के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा है।
उन्होंने 10 जून को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर और फिर 12 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र सौंपकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय भी मांगा था।
कांग्रेस नेता अजय कुमार ने मणिपुर के नेताओं को प्रधानमंत्री से मिलने का समय नहीं मिलने को लेकर मोदी की आलोचना की।
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उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया, ‘‘बीते 10 जून से कई दलों के नेता मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाह रहे हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के पास समय नहीं है। खुद भाजपा के नेता प्रधानमंत्री मोदी से नहीं मिल पा रहे हैं, जबकि भद्दे संवाद लिखने वाले मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कहा था कि उनसे प्रधानमंत्री मोदी बिना अपॉइंटमेंट के 45 मिनट तक मिले।’’
मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार खामोश क्यों है? गृह मंत्री अमित शाह ने तीन दिनों का दौरा किया, लेकिन हिंसा जारी है। फिर इस दौरे से क्या मिला?’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर केंद्र सरकार सोचती है कि हम कुछ मांगने आए हैं, तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में ‘डबल इंजन’ सरकार पूरी तरह विफल रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में मणिपुर हिंसा से जुड़े घटनाक्रमों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ‘हिंसा के सूत्रधार’ हैं, क्योंकि उन्होंने एकतरफा कदम उठाया है।
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उन्होंने दावा किया, ‘‘मुख्यमंत्री ने गत 21 मई को स्वीकार किया था कि राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा चूक और खुफिया विफलता हुई है। उन्हें मौजूदा संकट के लिए जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।’’
विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि शांति बहाल करने, निरस्त्रीकरण और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जाए।
उन्होंने कहा कि मणिपुर में कोई ‘पृथक प्रशासन’ नहीं होना चाहिए और मणिपुर की एकता एवं भूभागीय अखंडता सुनिश्चित रहनी चाहिए।
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं। इस हिंसा में अब तक करीब 100 लोगों की मौत हुई है और 300 से अधिक लोग घायल हुए हैं।