सुप्रीम कोर्ट ने कहा- ऐसा आदेश केवल सीजेआई ही पारित करते हैं, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने समान न्यायाधीशों की संख्या वाली एक अन्य पीठ द्वारा उसे मामला सौंपे जाने को लेकर कहा है कि किसी पीठ को मामला निर्दिष्ट करने का आदेश केवल भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा ही पारित किया जा सकता है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
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नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने समान न्यायाधीशों की संख्या वाली एक अन्य पीठ द्वारा उसे मामला सौंपे जाने को लेकर कहा है कि किसी पीठ को मामला निर्दिष्ट करने का आदेश केवल भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) द्वारा ही पारित किया जा सकता है।

न्यायमूर्ति एम आर शाह एवं न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने न्यायमूर्ति बीआर गवई एवं न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की पीठ को उपभोक्ता संरक्षण से संबंधित एक मामला सौंपा था।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति गवई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, अगर किसी विशेष स्थिति में खास पीठ को पता चलता है कि मामला किसी अन्य पीठ के समक्ष रखा जाना चाहिए तो उचित आदेश के लिए मामले को भारत के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष रखने का निर्देश देना आवश्यक होता है।

न्यायमूर्ति गवई की अगुवाई वाली पीठ ने सोमवार को पारित अपने आदेश में मामले के घटनाक्रम का उल्लेख किया और कहा कि यह इस अदालत की सामान्य प्रथा है कि यदि कोई आदेश किसी पीठ की ओर से जारी किया जाता है और उस पीठ का एक न्यायाधीश सेवानिवृत्त हो जाता है तो उस पीठ के दूसरे न्यायाधीश के पास वह मामला भेजा जाता है।

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न्यायमूर्ति गवई के नेतृत्व वाली पीठ ने निर्देश दिया: हम उचित आदेश प्राप्त करने के लिए भारत के प्रधान न्यायाधीश के समक्ष मामले को रखने के लिए रजिस्ट्री को निर्देश देना उचित समझते हैं।










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