नीतीश कुमार का जद (यू) अध्यक्ष बनना पार्टी का आंतरिक मामला

डीएन ब्यूरो

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष के रूप में फिर से कमान संभालना उसका ‘आंतरिक मामला’ है, लेकिन यह जिस तरह से हुआ है, उससे पार्टी के प्रति लोगों का विश्वास और कम हुआ है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा


नयी दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शुक्रवार को कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का जनता दल (यूनाइटेड) अध्यक्ष के रूप में फिर से कमान संभालना उसका ‘आंतरिक मामला’ है, लेकिन यह जिस तरह से हुआ है, उससे पार्टी के प्रति लोगों का विश्वास और कम हुआ है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय कुमार सिन्हा ने  कहा, ‘‘जनता से धोखाधड़ी का समय अब खत्म हो गया है। जनता अब ठगों के गिरोह को स्वीकार नहीं करेगी।’’

उनकी यह प्रतिक्रिया शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कुमार को जनता दल (यूनाइटेड) का अध्यक्ष चुने जाने के बाद आई है।

सिंह ने यहां बंद कमरे में हुई कार्यकारिणी बैठक में अध्यक्ष पद छोड़ दिया और कुमार के नाम का प्रस्ताव करते हुए कहा कि 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले इस महत्वपूर्ण मोड़ पर पार्टी को उनके नेतृत्व की आवश्यकता होगी, जबकि वह खुद अपना चुनाव लड़ने में व्यस्त होंगे।

सिंह लोकसभा में बिहार के मुंगेर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें जुलाई 2021 में जद (यू) अध्यक्ष बनाया गया था।

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इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर सिन्हा ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जद(यू) का अध्यक्ष बनने पर बधाई। यह जद(यू) का आंतरिक मामला है।’’

उन्होंने कहा कि लेकिन पार्टी में ‘घटनाओं के चक्र’ ने ‘भ्रम, अविश्वास और अंदरूनी कलह’ के माहौल को उजागर कर दिया है।

सिन्हा ने कहा, ‘‘कहीं न कहीं (पार्टी में) भ्रम और अविश्वास के माहौल के साथ लोगों का उन पर विश्वास और कम हुआ है।’’

उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी भी राजनीतिक दल के लिए ऐसा माहौल सही नहीं है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता ने सिंह पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें जद(यू) प्रमुख पद से बहुत पहले ही इस्तीफा दे देना चाहिए था।

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उन्होंने आरोप लगाया कि सिंह राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के करीबी हो गए थे और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और कुमार दोनों को धोखा दे रहे थे।

यह पूछे जाने पर कि क्या जद(यू) के भीतर मतभेद हैं जिसके कारण सिंह को पद छोड़ना पड़ा, सिन्हा ने दावा किया, ‘‘उस समय मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी बड़ी थी (जब कुमार ने जद(यू) अध्यक्ष पद छोड़ दिया था)। इस बार मुख्यमंत्री पद खोने का डर है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ललन सिंह के लिए दुख है, जो मेरे क्षेत्र से सांसद हैं। जिस तरह से उन्हें पद से हटाया गया है...किसी का भी आत्मसम्मान है... उन्हें बहुत पहले इस्तीफा दे देना चाहिए था। जब पार्टी नेतृत्व को उन पर भरोसा नहीं है तो पद पर बने रहने का कोई मतलब नहीं है।’’










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