

सीतारमण ने कहा, बहुत से देश भारत के साथ किसी तरह जुड़ना चाहते हैं और वह भारत से हथियार खरीदना चाहते हैं। भारत में विभिन्न उपकरणों का निर्यातक बनने की अपार संभावना है।
नई दिल्ली: भारत रक्षा मामलों से जुड़े उत्पादों में लगातार अपनी ताकत बढ़ाता जा रहा है। भारत सरकार का मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत घरेलू रक्षा उत्पादों पर तेजी से काम हो रहा है। भारत की स्वदेशी मिसाइलों को दुनिया के कई देश अपने बेड़े में शामिल करना चाहते हैं। यह बातें रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहीं।
विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, हमारे इंटिग्रेटेड मिसाइल प्रोग्राम की दुनियाभर में चर्चा होती है, क्योंकि इसके नतीजे हर किसी को पता हैं। मैं यह बताना चाहती हूं कि उत्पादकों के पास भारतीय सेना के अलावा भी एक बाजार मौजूद है। उन्होंने कहा, मैं ये बताना चाहतीं हूं कि हमारे पास भारतीय सशस्त्र बलों के अलावा भी एक बाजार मौजूद है, जो भारत में बने रक्षा उत्पादों को खरीदने का इच्छुक है।
निर्यातक बनने की अपार संभावना
भारत में विभिन्न उपकरणों का निर्यातक बनने की अपार संभावना है। मैं यह कहना चाहती हूं कि जहाज बनाने, युद्धपोत का निर्माण करने की क्षमता हमारे देश में मौजूद है जिसे बाहर लोग मानते हैं। बहुत से ऐसे देश हैं जो कह रहे हैं कि हमें यह क्षमता देकर हमारी मदद कीजिए।
रक्षा उत्पादों की समय पर हो सप्लाई
रक्षामंत्री ने एयरोस्पेस पीएसयू का उदाहरण दिया। उन्होंने एचएएल से भारत को रक्षा उत्पादों का निर्यातक बनाने के लिए सुझाव देने के लिए कहा। एचएएल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, मैं उन्हें (निर्यात बढ़ाने पर) बताती रहती हूं, आपको वायुसेना के समय पर भुगतान नहीं करने को लेकर शिकायतें हैं। लेकिन आपके समय पर सप्लाई न करने को लेकर भी विवाद है।
No related posts found.