Uttarakhand: जाखन नदी में कचरा डालने के मामले में एनजीटी ने दिया ये बड़ा आदेश

डीएन ब्यूरो

उत्तराखंड के दो जिलों में 12 किलोमीटर लंबे मार्ग के निर्माण के दौरान गंगा की सहायक नदी जाखन में ‘अवैज्ञानिक तरीके से कचरा फेंके जाने’ के दावे वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उपचारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

कचरा डालने से नदी में बन गई झील
कचरा डालने से नदी में बन गई झील


नयी दिल्ली: उत्तराखंड के दो जिलों में 12 किलोमीटर लंबे मार्ग के निर्माण के दौरान गंगा की सहायक नदी जाखन में ‘अवैज्ञानिक तरीके से कचरा फेंके जाने’ के दावे वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने उपचारात्मक कदम उठाने का निर्देश दिया।

याचिका के अनुसार टिहरी गढ़वाल और देहरादून जिलों में इथरना से कुखई तक सड़क बनाई गयी और शंभूवाला गांव के पास कचरा डालने की वजह से अस्थायी झील बन गयी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक अधिकरण के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए के गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि एनजीटी ने जनवरी में अपने आदेश में उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, संभागीय वन अधिकारी (देहरादून) और जिला मजिस्ट्रेट (देहरादून) की संयुक्त समिति से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी।

पीठ में न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए सेंथिल वेल भी शामिल रहे। पीठ ने कहा कि समिति की 18 मार्च की रिपोर्ट के अनुसार पता चला कि उल्लंघन हुआ और कचरा डालने की वजह से एक झील बन गयी।

पीठ ने हालिया आदेश में कहा, ‘‘उल्लंघन होने के मद्देनजर उपचारात्मक कार्रवाई की जरूरत है और वन भूमि के अन्यत्र उपयोग की शर्तों के अनुपालन तथा अन्य पर्यावरण नियमों के पालन की जरूरत है।’’










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