छत्तीसगढ़ के पिछड़े समुदाय के लिए अतिरिक्त संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता

डीएन ब्यूरो

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, युवाओं, किसानों, वन-आश्रितों और ग्रामीण समुदायों के लिए अतिरिक्त संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता है और ये समूह राज्य सरकार की प्राथमिकता में बने रहेंगे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन
छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन


रायपुर: छत्तीसगढ़ के राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने बुधवार को कहा कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं, युवाओं, किसानों, वन-आश्रितों और ग्रामीण समुदायों के लिए अतिरिक्त संवेदनशील दृष्टिकोण की आवश्यकता है और ये समूह राज्य सरकार की प्राथमिकता में बने रहेंगे।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता, भारतरत्न, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी तथा वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदर्शों और सिद्धांतों के अनुसार, छत्तीसगढ़ में सुशासन का नया दौर प्रारंभ करने के लिए उनकी सरकार संकल्पबद्ध है।

छत्तीसगढ़ की छठवीं विधानसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन राज्यपाल के अभिभाषण में नवनिर्वाचित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के चुनावी वादों का जिक्र हुआ।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार लोगों से किए गए वादों को पूरा करने के लिए आवश्यक उपाय करेगी।

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उन्होंने कहा, ''प्रदेश के सभी क्षेत्रों और सभी व्यक्तियों के लिए समृद्धि और खुशहाली के रास्ते बनाना, शांति और सद्भाव के साथ सबके जीवन स्तर उन्नयन के लिए कार्य करना, सभी को संविधान सम्मत अधिकार दिलाना और प्रदेश को देश के अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करना जैसे लक्ष्य मेरी सरकार के सामने हैं।''

हरिचंदन ने कहा, ''प्रदेश में ऐसे कई लोग हैं, जिन्हें सामाजिक आर्थिक विकास के लिए विशेष सहायता की आवश्यकता है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिला, युवा, किसानों, वन आश्रितों, ग्रामीणों और परंपरागत व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए विशेष संवेदनशीलता अपेक्षित है। ऐसे सभी वर्ग मेरी सरकार की प्राथमिकता में रहेंगे।''

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख घर बनाने के नवगठित सरकार के पहले कैबिनेट फैसले की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि यह कदम राज्य सरकार के कामकाज की ठोस शुरुआत का प्रतीक है।

राज्यपाल ने कहा, ''मेरी सरकार चुनाव के दौरान किए गए विभिन्न वादों को पूरा करने की दिशा में समुचित कदम उठाएगी। धान खरीदी के दो वर्षों के लंबित बोनस का भुगतान, कृषक उन्नति योजना, दीनदयाल उपाध्याय कृषि मजदूर कल्याण योजना, महतारी वंदन योजना, घर-घर निर्मल जल अभियान, रानी दुर्गावती योजना, तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 5500 रुपए प्रतिमानक बोरा करने, 4500 रुपए तक बोनस, चरण पादुका और अन्य सुविधाएं पुनः प्रारंभ करने जैसे चुनाव घोषणा पत्र के मुद्दों पर निर्णय की समयबद्ध प्रक्रिया अपनाई जाएगी।''

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राज्यपाल ने नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए विश्वास जताया कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सौहार्दपूर्ण तथा सम्मानजनक रिश्ते बने रहेंगे और दोनों पक्ष मिलकर प्रदेश के विकास के लिए काम करेंगे।

उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग, छत्तीसगढ़ के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हजारों अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा, ''नक्सलवाद प्रभावित कई विधानसभा क्षेत्रों में अच्छे मतदान के आंकड़े बताते हैं कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए ग्रामीण और वन अंचल में रहने वाली जनता का मनोबल मजबूत हुआ है। मैं चाहूंगा कि मेरी सरकार के जनहितकारी कार्यों से उनका विश्वास लगातार मजबूत हो।''










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