जानिये बंगाल में मुख्यमंत्री को विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति बनाए जाने के प्रस्ताव पर क्या बोले शिक्षक संगठन

डीएन ब्यूरो

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल की जगह प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव पर शिक्षक संगठनों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। पढ़िए पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

ममता सरकार का नया फैसला (फाइल फोटो )
ममता सरकार का नया फैसला (फाइल फोटो )


कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को राज्यपाल की जगह प्रदेश के विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति बनाने के प्रस्ताव पर शिक्षक संगठनों की मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है।

जादवपुर विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन (जेयूटीए) और वाम झुकाव वाले पश्चिम बंगाल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय शिक्षक संगठन (डब्ल्यूबीसीयूटीए) जैसे संगठनों ने इस कदम की निंदा की और किसी भी प्रख्यात शिक्षाविद को कुलाधिपति के पद पर नियुक्त करने का आह्वान किया है। वहीं एबीयूटीए जैसे संगठन का कहना है कि इस कदम से शिक्षण संस्थान राजनीति का अड्डा बन जाएंगे।

यह भी पढ़ें | West Bengal: पश्चिम बंगाल को लेकर ममता बनर्जी ने खेला नया दांव

लेकिन पश्चिम बंगाल कॉलेज एवं विश्वविद्यालय प्रोफेसर संगठन (डब्ल्यूबीसीयूपीए) ने कहा कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ के असहयोगी रवैये के कारण यह आवश्यक था। माना जाता है कि डब्ल्यूबीसीयूपीए तृणमूल कांग्रेस के निकट है।

जेयूटीए ने एक बयान में कहा है कि इस कदम से विश्वविद्यालयों पर राज्य का दबदबा बढ़ेगा। जेयूटीए के महासचिव पार्थ प्रतिम रॉय ने कहा, "... इससे लंबे समय से चली आ रही स्वायत्तता की अवधारणा को निरर्थक और अस्तित्वहीन बना दिया जाएगा। इससे राज्य के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और पक्षपातपूर्ण राजनीति का प्रदर्शन आम बात हो जाएगी।"

यह भी पढ़ें | ग्रामीण सड़कों के विकास के लिए शुरू की जा रही है ये योजना

रॉय ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों ही सरकारें कानून को दरकिनार कर उच्च शिक्षण संस्थानों पर पूर्ण नियंत्रण रखने पर तुली हुई हैं। रॉय ने कहा, "हम लंबे समय से इस चलन के खिलाफ अपनी आवाज उठा रहे हैं।" राज्य के मंत्रिमंडल ने इस प्रस्ताव को विधानसभा में पेश करने की मंजूरी दे दी है।

कुछ शिक्षाविदों ने इस कदम को शैक्षणिक संस्थानों की स्वायत्तता का उल्लंघन बताया है जबकि कुछ अन्य शिक्षाविदों ने कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रमुखों और सरकार के बीच बेहतर समन्वय को बढ़ावा देने में मदद करेगा। (भाषा) 










संबंधित समाचार