Uttar Pradesh: यूपी में सात बड़े अधिकारियों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई, कई विभागों में हड़कंप

डीएन ब्यूरो

डाइनामाइट न्यूज को उत्तर प्रदेश से इस समय एक बड़ी खबर मिल रही है। सीएम योगी के निर्देशों पर राज्य के कुछ बड़े अधिकारियों के अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई का मामला सामने आया है। पढिये पूरी रिपोर्च

सीएम योगी का कार्रवाई से कई अधिकारियों में खलबली (फाइल फोटो)
सीएम योगी का कार्रवाई से कई अधिकारियों में खलबली (फाइल फोटो)


लखनऊ: सेवाकाल में विभिन्न  तरह की गड़बड़ियों के आरोपों से घिरे यूपी के 7 बड़े अफसरों के खिलाफ यूपी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी के सख्त निर्देशों पर इन अफसरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। यूपी सरकार ने इन अफसरों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कड़ी कार्रवाई की है। सरकार के इस सख्त रूख के कारण यूपी के कई विभागों और अधिकारियों में हड़कंप मच गया है।

डाइनामाइट न्यूज को मिली जानकारी के अनुसार जिन अफसरों के खिलाफ योगी सरकार द्वारा अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की गयी है, वे सभी अफसर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) से जुड़े हुए हैं और बतौर अधिशासी अभियंता कार्यरत थे। इन अभियंताओं के खिलाफ सेवाकाल के दौरान विभिन्न तरह की गड़बड़ियां सामने आयी थी।

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जानकारी के मुताबिक गड़बड़ियों के आरोपों से घिरे इन अफसरों के विरुद्ध सरकार द्वारा गोपनीय जांच भी की गयी। जांच के दौरान शासन ने अधिकारियों पर लगे आरोपों को ही पाया। जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार ने इनके खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई की।

सेवाकाल में गड़बड़ियों के चलते जिन अफसरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया है, उनमें बतौर अधिशासी अभियंता एटा में तैनात विपिन पचौरिया, श्रावस्ती में तैनात पवन कुमार, आजमगढ़ में तैनात राजेंद्र कुमार, सोनवानी और मिर्जापुर में तैनात अधिशासी अभियंता,  खीरी एनएच विंग के अधिशासी अभियंता गिरजेश कुमार, बलिया के राम केवल प्रसाद, सहारनपुर में तैनात अधिशासी अभियंता मदन कुमार संतोषी शामिल है।

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बताया जाता है कि उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग से जुड़े सात अधिकारियों के खिलाफ सरकार की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई से कई विभागों और अधिकारियों में हड़कंप मचा है। 










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