Uttar Pradesh: योगी सरकार के नये फैसले से ढाई लाख लोगों को राहत, ऐसा करने वाला पहला राज्य बना यूपी

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक बड़े फैसले से राज्य के 2.5 लाख लोगों को सीधा फायदा मिलने जा रहा है। जानिये सरकार के इस फैसले के बारे में

सीएम योगी (फाइल फोटो)
सीएम योगी (फाइल फोटो)


लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वैश्विक महामारी कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने का फैसला किया है। इशके साथ ही जमातियों पर लगाई गई धारा 188 के तहत दर्ज मामले भी वापस होंगे। यूपी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान आम जनता पर मामूली अपराध में दर्ज ढाई लाख से ज्यादा मुकदमें वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है। इस आदेश से राज्य का एक बड़ा वर्ग लाभान्वित होगा।

सरकार के आदेश में तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के खिलाफ दर्ज किये गये 323 केस भी शामिल हैं। राज्य के गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, लखनऊ और मेरठ में सबसे ज्यादा केस तब्लीगी जमातियों पर दर्ज किए गए थे। उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से इन मामलों को वापस लेने का आदेश गृह विभाग द्वारा जारी कर दिए गए हैं।

यूपी सरकार के इस फैसले से प्रदेश के ढ़ाई लाख से अधिक लोगों को बड़ी राहत मिलने वाली है। ये लोग कोविड-19 गाइडलाइंस और लॉकडाउन तोड़ने के मामलों में पुलिस और कोर्ट-कचहरी के चक्‍कर लगा रहे। इन लोगों में यूपी की आम जनता और कारोबारी भी शामिल है। इसके साथ ही सरकार प्रदेश भर के थानों में लॉकडाउन की धारा 188 के उल्‍लंघन को लेकर दर्ज हुए मुकदमें वापस लेने की तैयारी कर रही है।

यूपी सरकार का मानना है कि मामूली गलतियों के चलते आम लोगों पर लॉकडाउन के दौरान आईपीसी की धारा-188 के तहत मामले दर्ज किए गए थे। अब आगे इन मामलों को चलाने का कोई औचित्य नहीं है। उत्तर प्रदेश, लॉकडाउन के दौरान दर्ज केस वापस लेने वाला पहला राज्य बन गया है। 










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