UPSC CDS Result: यूपी के लाल ने किया राज्य का नाम रोशन, सीडीएस में क्षितिज को मिली दूसरी रैंक, यहां देखें रिजल्ट

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के होनवार युवक क्षितिज ने अपनी बड़ी सफलता के साथ प्रदेश का नाम भी रोशन किया है। क्षितिज ने संघ लोक सेवा आयोग की सीडीएस परीक्षा में दूसरा रैंक हासिल किया। डाइनामाइट न्यूज की इस रिपोर्ट मं पढ़िये क्षितिज के बारे में

यूपीएससी सीडीएस-2021 का अंतिम परिणाम जारी
यूपीएससी सीडीएस-2021 का अंतिम परिणाम जारी


नई दिल्ली/लखनऊ: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसी) द्वारा आयोजित कंबाइंड डिफेंस सर्विसेज (सीडीएस) परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी हो गया है। यूपीएससी सीडीएस परीक्षा-2020 में कुल 147 उम्मीदवारों को अंतिम रूप से चयनित किया गया है। यूपी के एक लाल नेइस परीक्षा में दूसरी रैंक पाकर पूरे उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया है। यूपी में अयोध्या निवासी युवक क्षितिज कुमार श्रीवास्तव ने सीडीएस में देश में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। पहले स्थान पर प्रवीण हैं।

यूपीएससी सीडीएस का पूरा और अंतिम परिणाम देखने के लिये उम्मीदवार आयोग की अधिकृत वेबसाइट upsc.gov.in देखें। 

अयोध्या के कोशलपुरी कॉलोनी निवासी क्षितिज कुमार श्रीवास्तव दवा व्यवसायी रविप्रकाश श्रीवास्तव के पुत्र है। क्षितिज की इस सफलता से पूरे घर और क्षेत्र में हर्ष का माहौल है। सीडीएस परीक्षा में देश में दूसरी रैंक हासिल करने वाले क्षितिज भारतीय थल सेना में लेफ्टिनेंट ऑफिसर पद के लिए चयनित हुए हैं। परीक्षा पास करने के बाद उसका प्रशिक्षण ऑफीसर्स ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई में होगा, जिसके बाद उनकी तैनाती होगी। 

लाखों युवाओं की प्रेरणा क्षितिज कुमार श्रीवास्तव

देश सेवा का सपना देखने वाले क्षितिज अब भारतीय सेना में अफसर बनने जा रहे हैं। क्षितिज स्थानीय जिंगलबेल अकादमी से 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की। क्षितिज ने अयोध्या के ही साकेत महाविद्यालय से ग्रेजुएशन की डिग्री ली। वह फिलहाल बीएचयू से कॉनफिलिक्ट मैनेजमेंट एंड डेवलपमेंट से एमए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे है।

एमए की अपनी इस पढ़ाई के दौरान ही क्षितिज ने सीडीएस की परीक्षा दी और देश में दूसरी रैंक हासिल कर अयोध्या समेत उत्तर प्रदेश का नाम रोशन कर दिया।

क्षितिज के पिता ने अपने बेटे की इस उपलब्धि का श्रेय श्रीअध्यात्म शक्तिपीठ मुबारकगंज के संस्थापक गुरुदेव पं. रामकृष्ण पांडेय आमिल को दिया है। क्षितिज ने अपनी इस सफलता का श्रेय अने गुरुजनों, स्वजनों और मित्रगणों को दिया है। कहा कि देश की सेवा से बड़ा सौभाग्य मेरे लिए कुछ नहीं है।










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