प्रोफेसर का हाथ काटने के तीन दोषियों को उम्रकैद, जानिये विशेष एनआईए अदालत का पूरा फैसला

डीएन ब्यूरो

केरल में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने 2010 में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटे जाने के सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराये गये छह लोगों में से तीन को बृहस्पतिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

हाथ काटने के मामले में तीन को उम्रकैद
हाथ काटने के मामले में तीन को उम्रकैद


कोच्चि: केरल में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने 2010 में एक कॉलेज के प्रोफेसर का हाथ काटे जाने के सनसनीखेज मामले में दोषी ठहराये गये छह लोगों में से तीन को बृहस्पतिवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

इडुक्की जिले के थोडुपुझा में न्यूमैन कॉलेज के प्रोफेसर टी. जे. जोसेफ का दाहिना हाथ चार जुलाई, 2010 को मौजूदा प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कथित सदस्यों ने काट दिया था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार विशेष एनआईए अदालत के न्यायाधीश अनिल के. भास्कर ने मामले के दूसरे चरण की सुनवाई में बुधवार को इन लोगों में से तीन, साजिल, नासर और नजीब को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के अंतर्गत हत्या, साजिश रचने और अन्य अपराधों के साथ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दोषी ठहराया गया था और आज इन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

सुनवाई के पहले चरण में 10 लोगों को यूएपीए के साथ-साथ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और आईपीसी के तहत दोषी करार दिया गया था। इसके अलावा अदालत ने तीन अन्य को आरोपियों को शरण देने के लिए भी दोषी करार दिया था।

अदालत ने तीन को दोषी ठहराते हुए कहा था कि दूसरा आरोपी साजिल हमले में शामिल था जबकि तीसरा आरोपी नासर मामले में मुख्य साजिशकर्ता है और पांचवे आरोपी नजीब ने इस 'आतंकवादी कृत्य' की सारी योजना बनाई थी लेकिन इसमें शामिल नहीं हुआ।

यह हमला उस वक्त किया गया था जब वह (प्रोफेसर) अपने परिवार के साथ एर्नाकुलम जिले के मूवाट्टुपुझा स्थित एक गिरजाघर से रविवार की प्रार्थना के बाद घर लौट रहे थे।

सात लोगों के समूह ने प्रोफेसर जोसेफ का वाहन रोका, उन्हें बाहर खींचा और उनके साथ मारपीट कर उनका दाहिना हाथ काट दिया। घटना का मुख्य आरोपी सवाद अभी भी फरार है।

मामले की शुरुआती जांच करने वाली पुलिस के मुताबिक, आरोपी न्यूमैन कॉलेज में बी.कॉम की सेमेस्टर परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र में जोसेफ की कथित अपमानजनक धार्मिक टिप्पणियों को लेकर उनकी जान लेना चाहते थे। यह प्रश्न पत्र जोसेफ ने तैयार किया था।










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