एलआईसी को आरबीआई के ऋण डेटाबेस तक पहुंच मिलने का भरोसा : चेयरमैन

डीएन ब्यूरो

भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने बृहस्पतिवार को कहा कि बीमा कंपनी रिजर्व बैंक के ऋण डेटाबेस ‘क्रिलिक’ तक पहुंच को लेकर ‘सक्रिय रूप से चर्चा’ कर रही है और उसे पहुंच मिल जाने का भरोसा है। डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक

भारतीय जीवन बीमा निगम
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मुंबई:  भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के चेयरमैन सिद्धार्थ मोहंती ने बृहस्पतिवार को कहा कि बीमा कंपनी रिजर्व बैंक के ऋण डेटाबेस ‘क्रिलिक’ तक पहुंच को लेकर ‘सक्रिय रूप से चर्चा’ कर रही है और उसे पहुंच मिल जाने का भरोसा है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिकमोहंती ने यहां भारतीय स्टेट बैंक की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘यह एक विडंबना ही है कि ऋण खंड में सबसे बड़ा निवेशक होने के बावजूद हमारी ऋण या राष्ट्रीय ऋण डेटाबेस क्रिलिक तक हमारी पहुंच नहीं है। हम इसके लिए नियामक के साथ सक्रिय चर्चा कर रहे हैं और उस पहुंच को पाने के लिए आश्वस्त हैं।’’

बड़े कर्जों से संबंधित सूचना के केंद्रीय संग्रहकर्ता क्रिलिक का संचालन आरबीआई करता है और इसके जरिये विभिन्न कर्जदाताओं की तरफ से गैर-निष्पादित कर्जदारों एवं अन्य देनदारों पर कर्ज जोखिम का आकलन किया जाता है।

सार्वजनिक क्षेत्र की जीवन बीमा कंपनी एलआईसी का अधिकांश ऋण निवेश केंद्र और राज्य सरकारों की ऋण प्रतिभूतियों में है।

एलआईसी चेयरमैन ने कहा कि आरबीआई के क्रिलिक डेटा तक पहुंच न होना बीमाकर्ता के लिए जोखिम है क्योंकि इसकी देनदारियां दीर्घकालिक हैं जबकि संपत्ति अल्पकालिक हैं।

उन्होंने कहा कि क्रिलिक तक पहुंच न होने से एलआईसी की तरफ नकारात्मक रूप से संतुलन झुकता है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि केंद्रीय बैंक इस डेटाबेस तक इस बेहद जरूरी पहुंच की मंजूरी दे देगा। इस बारे में आरबीआई के साथ एलआईसी की चर्चा अब तक सुचारू और सकारात्मक रही है।

जब उनसे गैर-सरकारी प्रतिभूतियों और राज्यों के बॉन्ड से जुड़े जोखिमों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने पीटीआई-भाषा से कहा कि एलआईसी का कॉरपोरेट ऋण में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश है। बीमा कंपनी का इक्विटी निवेश 10.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक है जबकि कुल निवेश 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।

 

 










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