जानिये, पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती क्यों बोली, यह भारतीय लोकतंत्र के लिए ‘काला दिन’

डीएन ब्यूरो

गुजरात की एक अदालत द्वारा मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील खारिज कर दिए जाने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पीडीपी  अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती


अनंतनाग: गुजरात की एक अदालत द्वारा मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अपील खारिज कर दिए जाने के बाद पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने बृहस्पतिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधते हुए कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के लिए एक 'काला दिन' है।

उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को परेशान किया जा रहा है और वे या तो जेल में हैं या उन्हें जेल भेज दिया जाएगा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार महबूबा ने श्रीनगर से करीब 55 किलोमीटर दूर यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘लोकतंत्र की जननी होने पर गर्व करने वाले देश के लोकतांत्रिक इतिहास में आज काला दिन है। राहुल गांधी के साथ जिस प्रकार का व्यवहार किया जा रहा है, वह दर्शाता है कि भाजपा लोकतंत्र को समाप्त करना चाहती है। वे एकदलीय प्रणाली स्थापित करना चाहते हैं - संविधान को दरकिनार करके ‘भाजपा राष्ट्र’।’’

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पीडीपी नेता सूरत की एक अदालत द्वारा एक आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि के खिलाफ राहुल गांधी की अपील खारिज कर दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रही थीं।

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'न्यायपालिका लोगों की अंतिम उम्मीद है लेकिन इसकी हालिया भूमिका से सवाल पैदा होते हैं।’’ उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 से जुड़ी याचिकाओं को देखिए, वे कई साल से बिना सुनवाई के लंबित हैं।

उन्होंने कहा, 'बिल्कीस बानो का मामला लंबित है, पर राहुल गांधी के मामले में तेजी लाई जा रही है।'

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महबूबा ने कहा कि ‘‘भारत जोड़ो यात्रा’’ के बाद राहुल गांधी एक विश्वसनीय चेहरे के रूप में उभरे हैं और ऐसा लगता है कि भाजपा राहुल गांधी की लोकप्रियता से 'डर' गई है।

उन्होंने कहा, 'मुझे भरोसा है कि लोग ‘वेस्ट इंडिया कंपनी’ के कुशासन के खिलाफ उसी प्रकार उठ खड़े होंगे जिस प्रकार वे 1947 से पहले ईस्ट इंडिया कंपनी के खिलाफ खड़े हुए थे।’’










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