Manipur Violence: मणिपुर ‘यौन उत्पीड़न’ वीडियो की जांच पर जानिये ये ताजा अपडेट, फॉरेंसिक विशेषज्ञों को भी भेजेगी सीबीआई

डीएन ब्यूरो

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने संबंधी उस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसका वीडियो इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट:

मणिपुर से सामने आया था शर्मनाक वीडियो
मणिपुर से सामने आया था शर्मनाक वीडियो


नयी दिल्ली: केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर में चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने संबंधी उस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसका वीडियो इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने संबंधी इस घटना का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हो गया था। इस घटना की देशभर में कड़ी आलोचना हो रही है।

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है।

सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था, जो मणिपुर में हिंसा संबंधी छह मामलों की जांच पहले ही कर रही है।

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राज्य पुलिस ने थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में 18 मई को अज्ञात हथियारबंद व्यक्तियों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया था।

सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में अपनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी है।

संघीय एजेंसी पूर्वोत्तर राज्य में डीआईजी (उपमहानिरीक्षक) रैंक के एक अधिकारी के तहत अपने विशेष जांच दल (एसआईटी) को पहले ही तैनात कर चुकी है।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई मामले की जांच के लिए फॉरेंसिक विशेषज्ञों के अलावा कुछ और महिला अधिकारियों को भेजेगी।

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‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के प्रस्तावित मार्च से एक दिन पहले यह वीडियो सामने आया था। आईटीएलएफ के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘‘चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई इस ‘घृणित’ घटना के वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ पुरुष लगातार निसहाय महिलाओं के साथ छेड़खानी कर रहे हैं और वे (महिलाएं) उन्हें बंधक बनाने वालों से मिन्नतें कर रही हैं।’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने इस घटना को लेकर दुख व्यक्त करते हुए इसे ‘‘शर्मनाक’’ तथा ‘‘अस्वीकार्य’’ बताया था।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

मणिपुर की आबादी में मेइती समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।










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