Karnataka: ठंड से बचने के लिए जलाई आग, धुएं से दम घुटकर परिवार के चार सदस्यों की मौत

डीएन ब्यूरो

कर्नाटक के बेंगलुरु ग्रामीण जिले के एक मुर्गी पालन केंद्र में पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक ही परिवार के चार सदस्य मृत पाए गये। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

पुलिस की टीम मौके पर
पुलिस की टीम मौके पर


बेंगलुरु: कर्नाटक के बेंगलुरु ग्रामीण जिले के एक मुर्गी पालन केंद्र में पश्चिम बंगाल के रहने वाले एक ही परिवार के चार सदस्य मृत पाए गये। 

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान काले सारिकी (60), लक्ष्मी सारिकी (50), उषा सारिकी (40) और पूल सारिकी (16) के रूप में हुई है।

उसने बताया कि सभी पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के रहने वाले थे और पिछले दस दिनों से कर्नाटक के डोड्डाबल्लापुर तालुक में डोड्डाबेलावंगला के पास होलेयाराहल्ली में एक मुर्गी पालन केंद्र में काम कर रहे थे।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, प्रारंभिक जांच में मौत का कारण दम घुटना बताया गया है। हालांकि, मौत के सही कारण का पता लगाने के लिये पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार पुलिस के मुताबिक, घटना का पता रविवार सुबह उस वक्त चला जब पास के गांव में काम करने वाली काले सारिकी की बेटी ने पुलिस से संपर्क किया। उसने बताया कि लड़की ने अपने परिवार को कई बार फोन किया लेकिन जब किसी भी सदस्य ने उसके फोन का जवाब नहीं दिया, तब वह उन्हें देखने मुर्गी पालन केंद्र आई और वहां घर की बंद खिड़कियों से धुआं निकलते देखा।

वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और घर का दरवाजा तोड़ा। घर का दरवाजा अंदर से बंद था और पूरा कमरा धुएं से भरा हुआ था। हमें एक अंगीठी, कुछ पत्तियां और परिवार के लोगों के शव मिले। फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के विशेषज्ञों को भी बुलाया गया और मौके से नमूने लिए गए। बेंगलुरु के विक्टोरिया अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद रविवार को शव उनके रिश्तेदारों को सौंप दिए गए।'

उन्होंने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला कि शनिवार की रात, खाना खाने के बाद परिवार के सदस्य हमेशा की तरह अपने कमरे में जाकर सो गये। कमरा हवादार नहीं था। अधिकारी ने बताया कि चूंकि बारिश हो रही थी, इसलिये संभवत: परिवार के लोगों ने खुद को गर्म रखने और मच्छरों से बचने के लिये अंगीठी का इस्तेमाल किया होगा।

अधिकारी ने आगे बताया, 'कमरा हवादार नहीं था और दरवाजा अंदर से बंद था। कोयले का धुंआ पूरे कमरे में भरने से संभवत: उनका दम घुट गया होगा जिसके कारण उनकी मृत्यु हुई।'

पुलिस ने घटना में किसी भी तरह की साजिश से इनकार करते हुए कहा कि शवों पर कोई चोट का निशान नहीं पाया गया तथा जहरीले पदार्थ के भी कोई संकेत नहीं मिले।

बेंगलुरु ग्रामीण जिले के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बालादंडी ने कहा, 'आपराधिक प्रक्रिया संहिता 174 के तहत डोड्डाबेलावंगला पुलिस थाने में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है और आगे की जांच जारी है। हम मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।'










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