जल जीवन मिशन : 72 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जलापूर्ति, 2024 तक शत-प्रतिशत करने का लक्ष्य

डीएन ब्यूरो

सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत लगभग 72 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जल का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। सरकारी आंकड़ों में यह दावा किया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

जल जीवन मिशन
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नयी दिल्ली: सरकार के महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन के तहत लगभग 72 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जल का कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है। सरकारी आंकड़ों में यह दावा किया गया है।

जल शक्ति मंत्रालय के सामने 2024 में प्रत्येक ग्रामीण परिवार को नल से जल पहुंचाने के शत प्रतिशत कवरेज का महत्वपूर्ण लक्ष्य है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2019 में यह प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक एक वरिष्ठ अधिकारी ने विश्वास जताया कि सरकार अगले साल के अंत तक शत प्रतिशत कवरेज के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।

आंकड़ों के अनुसार झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में चुनौतियां बनी हुई हैं जहां नल जल कनेक्शन 50 प्रतिशत से भी कम ग्रामीण घरों में पहुंचा है।

नौ राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने इस लिहाज से शत प्रतिशत कवरेज प्राप्त कर लिया है, वहीं देश के हर कोने तक इस आवश्यक सेवा को पहुंचाने पर ध्यान बना हुआ है।

इसी तरह मंत्रालय की प्रतिबद्धता गांवों को अगले वर्ष तक ‘खुले में शौच से मुक्त प्लस’ (ओडीएफ प्लस) बनाने की भी है।

‘ओडीएफ प्लस’ गांव को न केवल ‘खुले में शौच से मुक्त’ का दर्जा मिलेगा, बल्कि उसमें प्रभावी ठोस या तरल कचरा प्रबंधन प्रणाली भी लागू होगी।

फरवरी 2020 में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चरण-2 का उद्देश्य सभी गांवों को 2024 के अंत तक ‘ओडीएफ प्लस’ घोषित करना है।

सरकार द्वारा संसद में प्रश्नों के उत्तर में दिए गए आंकड़ों के अनुसार देश में 5.91 लाख गांवों में से 3.18 लाख गांव ओडीएफ प्लस का दर्जा पाने के आकांक्षी हैं और 1.23 लाख गांव पहले ही आदर्श ‘ओडीएफ प्लस’ बन चुके हैं।

सरकार ‘नमामि गंगे’ कार्यक्रम के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों के पुनरुद्धार के लिए सक्रियता से काम कर रही है।

इसमें दूषित जल शोधन, ठोस कचरा प्रबंधन, रिवरफ्रंट विकास, वनीकरण, जैवविविधता संरक्षण और जन भागीदारी शामिल हैं।

संसद के शीतकालीन सत्र में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार की ओर से जानकारी दी गई, ‘‘अभी तक 38,022.37 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से कुल 450 परियोजनाओं को संचालित किया गया है, जिनमें से 270 परियोजनाएं पूरी हो गई हैं तथा उनमें काम हो रहा है।’’

सरकार ने कहा कि अगले साल परियोजनाओं की समयसीमा के अंदर काम पूरा करने पर जोर होगा।

 










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