International: धोखाधड़ी योजना के मुख्य आरोपी भारतीय को कोर्ट ने दी ये कठोर सजा
अमेरिका की एक संघीय अदालत ने 26 वर्षीय एक भारतीय नागरिक को एक बड़ी धोखाधड़ी योजना में सरगना की भूमिका निभाने के लिए 15 साल से अधिक के कारावास की सजा सुनायी है। मामले में अमेरिका के बुजुर्गों को इस साजिश का निशाना बनाया या था और उन्हें धमकी दी गयी थी। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
न्यूयॉर्क: अमेरिका की एक संघीय अदालत ने 26 वर्षीय एक भारतीय नागरिक को एक बड़ी धोखाधड़ी योजना में सरगना की भूमिका निभाने के लिए 15 साल से अधिक के कारावास की सजा सुनायी है। मामले में अमेरिका के बुजुर्गों को इस साजिश का निशाना बनाया या था और उन्हें धमकी दी गयी थी ।
अमेरिकी अटॉर्नी अलमदार हमदानी ने कहा कि भारत में एक कॉल सेंटर में काम करने वाले ‘‘अमेरिका स्थित सरगना’’ एम डी आज़ाद को पिछले साल अगस्त में 2019-2020 तक फर्जी योजना की साजिश में शामिल होने के लिए दोषी करार दिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस धोखाधड़ी योजना का संचालन अमेरिका के विभिन्न शहरों से होता था। अमेरिकी जिला न्यायाधीश केनेथ होयट ने आजाद को संघीय जेल में 188 महीने की सजा काटने का आदेश दिया।
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ह्यूस्टन में कथित तौर पर अवैध रूप से रहने वाले भारतीय नागरिक आजाद को जेल की सजा के बाद निष्कासन की कार्यवाही का सामना करना पड़ सकता है।
उसकी इस फर्जी योजना के निशाने पर मुख्य रूप से बुजुर्ग थे । इस योजना के तहत गिरेाह ने पूरे अमेरिका और अन्य स्थानों पर लोगों को बरगलाया और धोखा दिया तथा उन्हें धन स्थानांतरित करने के व्यवसाय के माध्यम से, तार के माध्यम से पैसे भेजने, उपहार कार्ड खरीदने और डाक मेल के माध्यम से धोखाधड़ी करने वालों के नाम नकद भेजने का निर्देश दिया।
पीड़ितों ने जब धोखेबाजों से संपर्क किया, तो उन्हें अलग-अलग बातें बतायी गयी, जैसे कि वे एक विशेषज्ञ के साथ बातचीत कर रहे हैं इसलिये तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए उनके कंप्यूटर तक दूरस्थ पहुंच की जरूरत है । जालसाजों ने पीड़ितों के व्यक्तिगत डेटा और बैंक तथा क्रेडिट कार्ड की जानकारी तक पहुंच प्राप्त कर धोखाधड़ी को अंजाम देता था ।
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अधिकारियों ने बताया कि इस साजिश में शामिल अन्य भारतीय नागरिकों का नाम अनिरुद्ध कालकोटे (26) है, जिसे साजिश के संबंध में दोषी ठहराया गया है । इसके साथ ही सुमित कुमार सिंह (26), हिमांशु कुमार (26) तथा एम डी हसीब (27) भी शामिल थे।
उन्होंने बताया कि वे सभी अवैध रूप से ह्यूस्टन में रहते थे और उनकी सज़ा लंबित है। सभी पांच लोग मामले में हिरासत में रहेंगे।
अधिकारियों ने कहा कि पीड़ितों को कई बार दोबारा भी शिकार बनाया गया और भुगतान न करने पर शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी गई।