

नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में कई दिग्गज और संस्थाएं शामिल थी, लेकिन आखिरकार परमाणु हथियारों को रोकने के बेहतर प्रयासों के लिए Ican संस्था को यह पुरस्कार दिया गया।
स्टॉकहोम: विश्व भर में परमाणु हथियारों को रोकने और खत्म करने की दिशा में काम करने वाली अंतराष्ट्रीय संस्था ‘इंटरनेशनल कैंपेन टू एबॉलिश न्यूक्लियर वीपन्स (Ican)’ को शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया है। Ican परमाणु हथियारों के खात्मे के लिए कई कैंपेन चला चुकी है।
पुरस्कार का घोषणा करते हुए नोबल कमिटी की अध्यक्ष बेरिट रीस- एंडरसन ने कहा कि परमाणु हथियारों को रोकने के प्रयासों के लिए Ican संस्था को यह पुरस्कार इनके दिया गया है। उन्होंने उत्तर कोरिया का मामला उठाते हुए कहा कि हम ऐसी दुनिया में रहते हैं, जहां परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का खतरा हमेशा बना हुआ है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक नोबेल शांति पुरस्कार की दौड़ में पोप फ्रैंसिस, सऊदी के ब्लॉगर रैफ बदावी, ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ भी शामिल थे। कमिटी ने पुरस्कार की घोषणा के समय कहा कि हम इसके जरिए सभी परमाणु हथियार संपन्न देशों को यही संदेश देना चाहते हैं कि अगर वे इसका इस्तेमाल करते हैं तो यह कितना विनाशकारी साबित हो सकता है।
Ican संस्था को वर्ष 2007 में ऑस्ट्रेलिया के विएना में औपचारिक तौर पर लांच किया गया था। यह संस्था सौ से अधिक देशों में काम करने वाले ग़ैर-सरकारी संस्थाओं का समूह है।
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