इस सहायता अधिकारी की मदद से सवर रहा पीड़ित महिलाओं का जीवन

कांस्टेबल नीरा देवी ने राज्य पुलिस के कार्यक्रम के तहत यौन अपराधों के लगभग 600 मामलों में पीड़ितों की मदद की है। इस कार्यक्रम के तहत मामला अदालत में जाने पर पीड़ितों की मदद की जाती है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 9 May 2023, 6:34 PM IST
google-preferred

शिमला: कांस्टेबल नीरा देवी ने राज्य पुलिस के कार्यक्रम के तहत यौन अपराधों के लगभग 600 मामलों में पीड़ितों की मदद की है। इस कार्यक्रम के तहत मामला अदालत में जाने पर पीड़ितों की मदद की जाती है।

देवी ने बताया कि छोटी लड़कियों को आघात से निपटने में बहुत सारी समस्याओं से जूझना पड़ता है, खासकर तब जब उनका आरोपियों से सामना होता है जो या तो परिवार के करीबी सदस्य या परिचित होते हैं।

उन्होंने कहा 'हम यह सुनिश्चित करते हैं कि आरोपियों को उनसे दूर रखा जाए और नाबालिगों को उनके चेहरे नहीं दिखाए जाएं।'

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंडी जिले में त्वरित अदालत (पॉक्सो) पीड़ित एवं गवाह सहायता अधिकारी देवी ने कहा, 'सहानुभूति बहुत महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, हम इन बच्चों में आत्मविश्वास जगाते हैं। नाबालिग लड़कियों के मामलों में सांकेतिक भाषा का उपयोग किया जाता है क्योंकि वे शब्दों के माध्यम से घटना और समस्या की व्याख्या नहीं कर पातीं।'

देवी को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए हाल ही में एक 'प्रथम श्रेणी' प्रशंसा प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

नीरा देवी ने कहा कि उनका काम आसान नहीं है। मंडी जिले के सरकाघाट क्षेत्र की एक घटना को याद करते हुए उन्होंने कहा कि यह विशेष मामला दूसरों की तुलना में अधिक कठिन था क्योंकि यहां पीड़िता और उसकी मां मानसिक रूप से विक्षिप्त थीं और आरोपी नाबालिग का पिता था।

हेड कांस्टेबल देवी ने कहा कि इस बच्ची ने जिस आघात का सामना किया उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक, यौन अपराध के 90 फीसदी से ज्यादा मामलों में आरोपी पीड़िता के परिचित होते हैं।

Published :