इमरान खान भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय परिसर से गिरफ्तार

डीएन ब्यूरो

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे।

इमरान खान भ्रष्टाचार (फाइल)
इमरान खान भ्रष्टाचार (फाइल)


इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को मंगलवार को अर्धसैनिक बलों ने उस समय गिरफ्तार कर लिया, जब वह भ्रष्टाचार के एक मामले में सुनवाई के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में मौजूद थे।

इससे एक दिन पहले ही 70 वर्षीय खान ने देश की सेना पर कथित तौर पर उनकी हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था।

पाकिस्तान की सेना ने एक दिन पहले ही आरोप लगाया था कि खान खुफिया एजेंसी आईएसआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं।

पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी की वरिष्ठ नेता शिरीन मजारी के अनुसार, लाहौर से संघीय राजधानी इस्लामाबाद आए पार्टी अध्यक्ष खान अदालत में एक बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजर रहे थे, तभी रेंजर्स ने कांच की खिड़की को तोड़ दिया और वकीलों एवं खान के सुरक्षा कर्मचारियों की पिटाई करने के बाद उन्हें (खान को) गिरफ्तार कर लिया।

टीवी फुटेज में नजर आ रहा है कि रेंजर्स खान को कॉलर से पकड़कर ले जा रहे हैं और उन्हें एक कैदी वाहन में बैठाया जा रहा है। रेंजर्स, गृह मंत्रालय के तहत काम करते हैं और आमतौर पर सेना से प्रतिनियुक्ति पर आये अधिकारियों द्वारा निर्देशित होते हैं।

राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से इस बात की पुष्टि की कि, ‘‘खान को एक भूमि, सम्पत्ति कारोबारी मलिक रियाज को हस्तांतरित करने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया है और उन्हें एनएबी को सौंपा जा रहा है।’’

उन्होंने बताया कि खान को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में गिरफ्तार किया गया है, जो पंजाब के झेलम जिले के सोहावा क्षेत्र में 2019 में सूफीवाद के लिए अल-कादिर विश्वविद्यालय की स्थापना से संबंधित है।

उन्होंने कहा, ‘‘उनकी (खान) गिरफ्तारी का वारंट आज सुबह जारी किया गया था और उसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।’’

हालांकि, खान के गिरफ्तारी वारंट से पता चलता है कि यह एक मई को जारी किया गया था। वारंट में कहा गया है कि खान पर भ्रष्टाचार और भ्रष्ट आचरण का आरोप है।

गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने कहा कि खान कई नोटिस जारी किए जाने के बावजूद अदालत में पेश नहीं हुए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो द्वारा गिरफ्तारी देश के खजाने को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई है।’’ उन्होंने कहा कि खान को प्रताड़ित नहीं किया गया।

गिरफ्तारी के बाद पार्टी ने खान का पहले से रिकॉर्ड किया एक वीडियो जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा, ‘‘जब तक मेरी ये बातें आप तक पहुंचेगी, तब तक मुझे निराधार मामले में गिरफ्तार किया जा चुका होगा। इससे पता चलता है कि पाकिस्तान में मौलिक अधिकारों और लोकतंत्र को दफन कर दिया गया है।’’

खान ने कहा, ‘‘यह सब इसलिए किया जा रहा है, क्योंकि वे चाहते हैं कि मैं उस भ्रष्ट, आयातित सरकार को स्वीकार कर लूं, जो हम पर जबरदस्ती थोपी गई है।’’

उन्होंने कहा कि यदि किसी के पास वारंट है, तो उन्हें सीधे उनके पास लाना चाहिए। खान ने कहा, ‘‘वारंट लाओ, मेरा वकील वहां होगा। मैं खुद जेल जाने को तैयार हूं।’’

खान की गिरफ्तारी ऐसे समय की गई है, जब पाकिस्तानी सेना ने सोमवार को उनकी बिना किसी सबूत के एक सेवारत आईएसआई अधिकारी के खिलाफ ‘‘बेहद गैर जिम्मेदाराना और निराधार’’ आरोप लगाने के लिए आलोचना की थी।

सेना ने खान का सीधे तौर पर उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘हम संबंधित नेता से कानूनी रास्ते का सहारा लेने और झूठे आरोप लगाना बंद करने के लिए कहते हैं। संस्थान के पास झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयानों और दुष्प्रचार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार है।’’

इस्लामाबाद पुलिस ने महानिरीक्षक (आईजी) अकबर नासिर खान के हवाले से एक संक्षिप्त बयान जारी किया, जिसमें कहा गया था कि खान को उस मामले के संबंध में गिरफ्तार किया गया है, जिसमें आरोप है कि बहरिया टाउन ने पीटीआई अध्यक्ष एवं उनकी पत्नी बुशरा बीबी के स्वामित्व वाले अल-कादिर ट्रस्ट को 53 करोड़ रुपये की जमीन आवंटित की थी।

पुलिस प्रमुख ने यह भी कहा कि इस्लामाबाद में स्थिति 'सामान्य' है। उन्होंने कहा कि संघीय राजधानी में धारा 144 लागू कर दी गई है और उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

खान के समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी के खिलाफ विभिन्न शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। पार्टी कार्यकर्ता कराची में पीटीआई के मुख्य कार्यालय इंसाफ हाउस, पेशावर और लाहौर में एकत्रित होने लगे हैं। रावलपिंडी और इस्लामाबाद की सड़कों पर भी कार्यकर्ताओं के देखे जाने की खबरें हैं।

ऐसा कहा गया कि खान को रावलपिंडी में एनएबी कार्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां उनकी चिकित्सीय जांच की गई। हालांकि, पीटीआई नेता फवाद चौधरी ने दावा किया कि खान को अज्ञात स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है।

पूर्व मंत्री मजारी ने कहा, ‘‘कौन सा कानून? न्यायालयों पर रेंजरों द्वारा हमला किया गया जैसे कि एक कब्जे वाली भूमि पर हमला कर रहे हों- वकीलों और उच्च न्यायालय के कर्मचारियों को भी पीटा गया। यह आज का पाकिस्तान है- एक फासीवादी देश है, जहां अर्धसैनिक बलों द्वारा उच्च न्यायालय पर हमला किया गया।’’

पार्टी ने आरोप लगाया कि खान को प्रताड़ित किया जा रहा है, लेकिन स्वतंत्र रूप से इसकी पुष्टि नहीं हुई है।

इस बीच, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने इस्लामाबाद के पुलिस प्रमुख और अन्य को अदालत में पेश होने और यह बताने का आदेश दिया कि खान को अदालत से क्यों गिरफ्तार किया गया।

उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक ने कहा कि वह ‘‘संयम’’ बरत रहे हैं और चेतावनी दी कि अगर इस्लामाबाद पुलिस प्रमुख अदालत में पेश नहीं हुए तो वह प्रधानमंत्री को ‘‘समन’’ करेंगे।

न्यायमूर्ति फारुक ने कहा, ‘‘अदालत आकर हमें बताइए इमरान को क्यों और किस मामले में गिरफ्तार किया गया।’’

बाद में, इस्लामाबाद के पुलिस महानिरीक्षक पेश हुए और अदालत को बताया कि खान को एनएबी ने गिरफ्तार किया है और उनके गिरफ्तारी वारंट की एक प्रति भी पेश की।

‘डॉन’ अखबार ने खान की गिरफ्तारी के दौरान अदालत में मौजूद बैरिस्टर गौहर खान के हवाले से कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री को 'प्रताड़ित' किया गया। गौहर के हवाले से अखबार ने कहा, 'उन्होंने इमरान के सिर और पैर पर वार किया... गिरफ्तारी के दौरान उनकी व्हीलचेयर भी फेंक दी गई।'

पूर्व मंत्री एवं पीटीआई के वरिष्ठ नेता हम्माद अजहर ने कहा कि खान की गिरफ्तारी 'स्वीकार्य नहीं है।' उन्होंने खान की गिरफ्तारी के खिलाफ देश के लोगों से सड़कों पर उतरने का आह्वान किया।

पीटीआई के महासचिव असद उमर ने ट्वीट किया कि पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति आगे की कार्रवाई के बारे में फैसला करेगी।

खान पिछले साल अप्रैल में अविश्वास मत के जरिए सत्ता से हटने के बाद से कई मामलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने इन सभी मामलों को सत्तारूढ़ गठबंधन द्वारा राजनीतिक उत्पीड़न करार देते हुए खारिज कर दिया है।

खान ने कहा है कि वह वर्तमान में आतंकवाद, ईशनिंदा, हत्या, हिंसा, हिंसा के लिए उकसाने से संबंधित 140 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।

 










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