

उत्तर प्रदेश के मऊ जिले में एचआईवी संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं जिसमें 80 से ज्यादा बच्चे और 10 ट्रांसजेंडर संक्रमित पाए गए हैं। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
मऊ: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले से एक बेहद चिंताजनक खबर सामने आई है, जिसमें एचआईवी संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि देखी जा रही है। जिले में अब तक 80 से ज्यादा बच्चे और 10 से अधिक ट्रांसजेंडर एचआईवी से संक्रमित पाए गए हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, पूरे जिले में 2 हजार से अधिक लोग इस वायरस की चपेट में हैं। यह स्थिति तब सामने आई है जब स्वास्थ्य विभाग ने इन आंकड़ें सामने आए। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के मुताबिक संक्रमण की इस स्थिति को लेकर समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं, ताकि लोग इस बीमारी के बारे में अधिक से अधिक जान सकें और इससे बचाव कर सकें।
एचआईवी क्या है?
एचआईवी एक खतरनाक वायरस है जो सीधे हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम पर असर डालता है। यह वायरस हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर देता है, जिससे व्यक्ति को अन्य रोगों से लड़ने में कठिनाई होती है। यदि समय रहते इसका इलाज न किया जाए, तो यह वायरस एड्स में बदल सकता है। एचआईवी का संक्रमण धीरे-धीरे शरीर को कमजोर कर देता है और किसी भी बिमारी से लड़ने की क्षमता को खत्म कर देता है।
बच्चों में एचआईवी संक्रमण कैसे होता है?
बच्चों में एचआईवी संक्रमण जन्म से पहले या बाद में हो सकता है। यदि गर्भवती महिला को एचआईवी है, तो उसका बच्चा जन्म के दौरान संक्रमण का शिकार हो सकता है। इसके अलावा, अगर मां एचआईवी से संक्रमित है और बच्चे को अपने दूध से दूध पिलाती है, तो यह भी एक कारण हो सकता है, जिससे बच्चे को एचआईवी हो सकता है।
ट्रांसजेंडर समुदाय में एचआईवी संक्रमण का खतरा अधिक क्यों है?
ट्रांसजेंडर महिलाओं में एचआईवी का संक्रमण अन्य लोगों के मुकाबले अधिक पाया जाता है। इसका मुख्य कारण यह है कि ट्रांसजेंडर महिलाएं अक्सर इंजेक्शन वाली दवाओं का उपयोग करती है और कई बार असुरक्षित यौन संबंध बनती है। जिसकी वजह से ट्रांसजेंडर समुदाय के बीच एचआईवी के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
एचआईवी के लक्षण क्या होते हैं?
एचआईवी का संक्रमण शुरुआत में धीमी गति से बढ़ता है और इसके लक्षण शुरुआत में ज्यादा स्पष्ट नहीं होते। हालांकि कुछ सामान्य लक्षणों से हम इसकी पहचान कर सकते है। जैसे- बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, थकान महसूस होना, सिर में दर्द रहना और मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द शामिल हैं
एचआईवी से बचाव के उपाय