गुजरात उच्च न्यायालय ने फिल्म 'गुठली लड्डू' के निर्माताओं, सीबीएफसी को नोटिस जारी किया
गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को वाल्मिकी समुदाय के लिए आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और हिंदी फिल्म “गुठली लड्डू” के निर्माताओं को नोटिस जारी किया।
अहमदाबाद: गुजरात उच्च न्यायालय ने सोमवार को वाल्मिकी समुदाय के लिए आपत्तिजनक शब्द के इस्तेमाल को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) और हिंदी फिल्म “गुठली लड्डू” के निर्माताओं को नोटिस जारी किया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक निमेश वाघेला ने अपने वकील विशाल ठक्कर के माध्यम से दायर एक याचिका में 13 अक्टूबर को रिलीज होने वाली फिल्म से एक शब्द हटाने के साथ-साथ इसके प्रमाणन को वापस लेने की मांग की है।
याचिका पर न्यायमूर्ति वैभवी नानावती की अदालत ने नोटिस जारी करते हुए 11 अक्टूबर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।
यह भी पढ़ें |
Allahabad University: प्रोफेसर संगीता श्रीवास्तव इलाहाबाद विश्वविद्यालय की प्रथम महिला कुलपति नियुक्त
याचिका में कहा गया है कि फिल्म ने उक्त शब्द का उपयोग करके सिनेमैटोग्राफ अधिनियम, 1952 के साथ-साथ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम 1989 के प्रावधानों का उल्लंघन किया है, जो वाल्मिकी समुदाय की भावनाओं को आहत करता है।
याचिकाकर्ता ने कहा कि वह फिल्म के विषय का विरोध नहीं करते हैं, लेकिन आहत करने वाले शब्द के इस्तेमाल के साथ-साथ फिल्म को “यू” प्रमाणन देने के सीबीएफसी के फैसले के खिलाफ हैं।
याचिका में कहा गया है कि फिल्म के ट्रेलर में मां और बेटे के बीच धर्म परिवर्तन के दौरान इस शब्द का कई बार इस्तेमाल किया गया है।
यह भी पढ़ें |
गुजरात उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता कृष्णकांत वखारिया का 92 साल की उम्र में निधन