गुजरात की अदालत ने धोखाधड़ी मामले में पूर्व मंत्री विपुल चौधरी को जमानत दी

डीएन ब्यूरो

गुजरात के मेहसाणा शहर की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को धोखाधड़ी के एक मामले में राज्य के पूर्व मंत्री एवं दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी की सात साल की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें जमानत दे दी।

जमानत  (फाइल)
जमानत (फाइल)


अहमदाबाद: गुजरात के मेहसाणा शहर की एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को धोखाधड़ी के एक मामले में राज्य के पूर्व मंत्री एवं दूधसागर डेयरी के पूर्व अध्यक्ष विपुल चौधरी की सात साल की सजा को निलंबित करते हुए उन्हें जमानत दे दी।

यहां एक मजिस्ट्रेट अदालत ने पिछले हफ्ते विपुल चौधरी और 14 अन्य को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 420 (धोखाधड़ी) के तहत दोषी ठहराया था और उन्हें सात साल की जेल की सजा सुनाई थी।

विपुल चौधरी पर आरोप है कि उनकी धोखाधड़ी की वजह से 2014 में दूधसागर डेयरी को 22.50 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।

मेहसाणा के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सी. एम. पवार ने विपुल चौधरी और अन्य की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए, शुक्रवार को निचली अदालत की सजा को निलंबित कर दिया और पूर्व मंत्री तथा 14 अन्य लोगों को जमानत दे दी।

 










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