भारतीय उच्चायोग की इफ्तार पार्टी में पहुंचे मेहमानों को पाकिस्तान ने धमकाया
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग की इफ्तार पार्टी में मेहमानों से पाकिस्तानी अधिकारियों ने बदसलूकी की। जिसका एक वीडियो सामने आने के बाद से मामला गर्मा गया है। भारत के उच्चायुक्त की ओर से होटल सेरेना में इफ्तार पार्टी दी जा रही थी जहां यह घटना हुई।
इस्लामाबाद: बालाकोट में हमले के बाद से पाकिस्तान की हालत खिसियानी बिल्ली जैसी हो गई है। उसकी ताजा हरकत से तो यही लगता है, दरअसल पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने एक इफ्तार पार्टी का आयोजन किया था। जिसमें पाक सरकार ने अड़ंगा लगाते हुए लोगों को प्रवेश से रोक दिया साथ ही कई लोगों को धमकाया भी गया।
Indian High Commissioner to Pakistan Ajay Bisaria to ANI: They not only violate basic norms of diplomatic conduct and civilized behaviour, they are counter-productive for our bilateral relations. (2/2) https://t.co/P38ualSWDj
— ANI (@ANI) June 2, 2019
बीते शनिवार को पाकिस्तानी एजेंसियों ने होटल सेरेना में भारतीय उच्चायोग द्वारा आयोजित की गई इफ्तार पार्टी का रास्ता रोकने का प्रयास किया। पार्टी में आने वाले करीब सैकड़ों मेहमानों को एजेंसियों ने वापस भेज दिया। यही नहीं एजेंसियों ने भारतीय उच्चायोग के मेहमानों के साथ बदसलूकी करते हुए उन्हें फोन पर भी धमकी दी।
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इस मामले के बाद पाकिस्तान में भारतीय हाई कमिश्नर अजय बिसारिया ने कहा, हम उन सभी मेहमानों से माफी मांगते हैं, जिन्हें जबरदस्ती वापस भेज दिया गया था। ऐसी हरकत बेहद निराशाजनक है।
बिसारिया ने कहा, पाकिस्तान ने न सिर्फ बुनियादी राजनयिक आचरण और सभ्य व्यवहार का उल्लंघन किया बल्कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंध भी खराब किए हैं।
Indian High Commissioner to Pakistan Ajay Bisaria to ANI: We apologise to all our guests who were aggressively turned away from our Iftar yesterday. Such intimidatory tactics are deeply disappointing (file pic) 1/2 pic.twitter.com/3skZWBa0jq
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— ANI (@ANI) June 2, 2019
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान, राष्ट्रपति आरिफ रहमान अल्वी, विदेश सचिव, नेशनल असेंबली के स्पीकर को भारतीय उच्चायोग ने इफ्तार में आमंत्रित किया था लेकिन वह शामिल नहीं हुए थे। इसके अलावा मेहमानों की सूची में राजनीतिक शख्सियतें, कई सूफी धार्मिक स्थलों के मुखिया, शिक्षाविदों, लेखकों, कलाकारों, सिविल सोसाइटी के कार्यकर्ताओं, पाकिस्तानी छात्रों और अन्य प्रमुख हस्तियों को भी आमंत्रित किया गया था।