दिल्ली-NCR में GRAP-4 खत्म, ग्रैप-3 की पाबंदियां लागू, जानिए क्या रहेगा खुला और क्या बंद?
AQI स्तर में गिरावट के मद्देनजर दिल्ली और पड़ोसी राज्यों में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP-4) को वापस ले लिया गया है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: राजधानी में प्रदूषण पर रोक के लिए लगाई गई ग्रैप नियमों में ढील दी गई है। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के चरण 4 को रद्द करने का निर्णय लिया है। अब केवल ग्रैप-3 के प्रतिबंध लागू रहेंगे।
ग्रैप-4 में थीं ये पाबंदियां
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- दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों के प्रवेश पर पाबंदी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई थी।
- दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को थी छूट।
- एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर थी रोक। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई थी। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते थे।
- एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी थी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं थी और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन के उपयोग पर थी रोक। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी गई थी।
- निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक।
- एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट देने का था प्रावधान।
- राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती थी।
- डीजल जनरेटर सेट पर प्रतिबंध
ग्रेप तीन के तहत इन कार्य पर रहेगी पाबंदी
- पूरे एनसीआर में धूल पैदा करने वाली व वायु प्रदूषण फैलाने वाली सीएंडडी गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध रहेगा।
- बोरिंग और ड्रिलिंग कार्यों सहित खुदाई और भराई के लिए मिट्टी का काम।
- पाइलिंग कार्य, सभी विध्वंस कार्य।
- ओपन ट्रेंच सिस्टम द्वारा सीवर लाइन, पानी की लाइन, ड्रेनेज और इलेक्ट्रिक केबलिंग आदि बिछाना।
- ईंट/चिनाई कार्य।
- प्रमुख वेल्डिंग और गैस-कटिंग कार्य, हालांकि, एमईपी (मैकेनिकल, इलेक्ट्रिकल और प्लंबिंग) कार्यों के लिए छोटी वेल्डिंग गतिविधियों की अनुमति दी जाएगी।
- सड़क निर्माण गतिविधियां और प्रमुख मरम्मत।
- परियोजना स्थलों के भीतर व बाहर कहीं भी सीमेंट, फ्लाई-ऐश, ईंट, रेत, पत्थर आदि जैसी धूल पैदा करने वाली सामग्रियों का स्थानांतरण, लोडिंग/अनलोडिंग।
- कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री ले जाने वाले वाहनों की आवाजाही।
- विध्वंस अपशिष्ट का कोई भी परिवहन।
नए जोड़े गए नियम
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एनसीआर से आने वाली इंटरस्टेट बसों को दिल्ली में नहीं आने दिया जाएगा। इलेक्ट्रिक बसों, सीएनजी बसों और बीएस-6 डीजल बसों को इसमें छूट दी गई है। साथ ही ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट वाली बसों, टेम्पो ट्रैवलर को भी छूट दी गई है।