पाकिस्तान ने 32 साल बाद जांबाज भारतीय लड़की की बहादुरी को किया सलाम
साल 1986 में पैन एएम की फ्लाइट के अपहरण के बाद अपना अदम्य साहस दिखाकर शहीद होने वाली नीरजा भनोट की बहादुरी को पाकिस्तान ने भी सलाम किया है और तमगा-ए-इंसानियत के खिताब से नवाजा है।
नई दिल्लीः साल 1986 में पैन एएम की फ्लाइट के अपहरण के बाद अपना अदम्य साहस दिखाने वाली नीरजा भनोट की बहादुरी को पाकिस्तान ने भी सलाम किया है और तमगा-ए-इंसानियत के खिताब से नवाजा है। दरअसल पाकिस्तान की ओर से भारत की बहादुरी को सलाम करने का यह मामला हाल ही में एफबीआई ने पैन एएम की फ्लाइट को हाईजैक करने वाले चार अपहरणकर्ताओं की तस्वीर जारी करने के बाद आई है।
इस तस्वीरों के जारी होने के बाद पाकिस्तान ने भी नीरजा भनोट के साहस को देखते हुए तमगा-ए-इंसानियत का नाम दिया है। जारी किए गए आतंकियों के नाम क्रमशः मुहम्मद हाफिज अल-तुर्की, जमाल सईद अब्दुल रहीम, मुहम्मद अब्दुल्ला खलील हुसैन और मुहम्मद अहमद अल-मुनवर हैं। ये चारो आतंकी अबु निदल संगठन (एएनओ) के सदस्य हैं, जो कि एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादी की सूची में शामिल हैं।
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अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने आरोपियों की सूचना देने वालों के लिए 50 लाख अमेरिकी डॉलर का इनाम भी रखा है। बताते चलें कि आतंकियों ने 5 सितम्बर को क्रू मेंबर समेत 379 यात्रियों के साथ विमान में हाईजैक कर लिया था। आतंकियों का मकसद विमान में मौजूद अमेरिकियों को जान से मारना था। वे फिलिस्तीनी साथियों की जेल से रिहाई चाहते थे और फ्लाइट को क्रैश करना चाहते थे।
अपनी जान देकर बचाई कई लोगों की जान
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विमान के पायलट, सहायक पायलट और फ्लाइट इंजीनियर विमान छोड़कर भाग निकले थे लेकिन नीरजा भनोट ने अपने साथियों के साथ 41 अमेरिकी नागरिकों के पासपोर्ट को छिपा दिए थे। नीरजा की इस कवायद की वजह से आतंकवादियों ने नीरजा भनोट समेत करीब 20 लोगों की हत्या कर दी थी। जहां अब चंड़ीगढ़ की इस बहादुर लड़की को पाकिस्तान ने सम्मान किया है। अशोक चक्र से सम्मानित नीरजा की उम्र सिर्र्फ 22 साल थी।