जंगली हाथियों के हमलों में किसान और एक महिला की मौत

डीएन ब्यूरो

जिले में हाथियों के हमले की अलग—अलग घटनाओं में एक किसान और उसके बैल तथा महिला की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

जंगली हाथि (फाइल)
जंगली हाथि (फाइल)


जशपुर: जिले में हाथियों के हमले की अलग—अलग घटनाओं में एक किसान और उसके बैल तथा महिला की मौत हो गई। वन विभाग के अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग को जानकारी मिली है कि बगीचा वन परिक्षेत्र के जुरगुम गांव में बुधवार रात किसान जगमोहन अपने बीमार बैल का इलाज कर रहा था तभी तीन हाथियों ने उसपर हमला कर दिया। घटना में किसान और बैल की मौके पर ही मौत हो गई।

दूसरी घटना के संबंध में अधिकारियों ने बताया कि कांसाबेल वन परिक्षेत्र के देवरी गांव में हाथियों ने स्मृति बाई (50) और उसके परिवार के सदस्य पर हमला कर दिया। इस घटना में स्मृति बाई की मौत हो गई जबकि दूसरा व्यक्ति भाग कर सुरक्षित बचने में कामयाब रहा।

अधिकारियों ने बताया कि घटनाओं की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग के दलों को घटनास्थल भेजा गया। दलों ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

उन्होंने बताया कि क्षेत्र के ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है और जंगल के भीतर नहीं जाने की सलाह दी गई है।

उन्होंने बताया कि मृतकों के परिजनों को 25 हजार रुपए की तत्काल सहायता दी गई है तथा शेष 5.75 लाख रुपये औपचारिकताएं पूरी होने के बाद दिए जाएंगे।

अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्र के छह गांवों के ग्रामीणों को हाथियों के विचरण को लेकर सतर्क किया गया था। बादलखोल अभ्यारण्य में विचरण कर रहे हाथियों के तीन अलग-अलग दल समीप के गांवों में पहुंच रहे हैं। इसके अलावा 18 अन्य हाथी भी अलग-अलग दल में विचरण कर रहे हैं। इन सभी हाथियों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है तथा आसपास के ग्रामीणों को सतर्क किया जा रहा है।

राज्य के उत्तरी क्षेत्र में पिछले एक दशक से मानव-हाथी संघर्ष जारी है। क्षेत्र के सरगुजा, जशपुर, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर और बलरामपुर जिले राज्य के सबसे अधिक हाथी प्रभावित जिले हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में राज्य में हाथियों के हमलों में 230 से अधिक लोग मारे गए हैं।

 










संबंधित समाचार