ईडी ने उद्योगपति सुजीत पाटकर के खिलाफ मुंबई में 15 स्थानों पर की छापेमारी, जानिये क्या है मामला

डीएन ब्यूरो

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्योगपति सुजीत पाटकर के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में बुधवार को मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उद्योगपति सुजीत पाटकर
उद्योगपति सुजीत पाटकर


मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उद्योगपति सुजीत पाटकर के खिलाफ धन शोधन के एक मामले में बुधवार को मुंबई में 15 स्थानों पर छापेमारी की। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। पाटकर शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत के करीबी माने जाते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिकारी ने कहा कि पाटकर और उनके तीन सहयोगियों ने महामारी के दौरान कोविड-19 क्षेत्र अस्पतालों के प्रबंधन के लिए बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के ठेके कथित रूप से फर्जी तरीके से हासिल किए थे।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 अस्पताल प्रबंधन के ठेकों के संबंध में बीएमसी के कुछ अधिकारियों और भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी संजीव जायसवाल सहित अन्य लोगों के परिसरों पर ये छापेमारी की जा रही है।

यहां आजाद मैदान थाने में लाइफलाइन हॉस्पिटल मैनेजमेंट सर्विसेज कंपनी, पाटकर और उसके तीन सहयोगियों के खिलाफ पिछले साल अगस्त में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया था।

अधिकारी ने कहा कि प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने धनशोधन के पहलू से जांच के लिए मामला दर्ज किया था।

बीएमसी आयुक्त इकबाल सिंह चहल महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं के ठेके देने में कथित अनियमितताओं के संबंध में इस साल जनवरी में ईडी के सामने पेश हुए थे।

आजाद मैदान पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, अस्पताल प्रबंधन फर्म के साझेदारों ने जून 2020 में बीएमसी को एक कथित फर्जी साझेदारी दस्तावेज सौंपा और चिकित्सा क्षेत्र में बिना किसी अनुभव के एनएसईएल, वर्ली, मुलुंड, दहिसर (मुंबई) और पुणे में जंबो कोविड-19 केंद्रों के ठेके प्राप्त किए।

प्राथमिकी में कहा गया है कि सत्यापन के बाद यह पाया गया कि इन कोविड-19 केंद्रों के कर्मचारियों और डॉक्टरों के पास चिकित्सा प्रमाण पत्र नहीं थे और कथित तौर पर वे उचित उपचार प्रदान करने में विफल रहे, जिसके कारण लोगों को परेशानी हुई।










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