दिल्ली के जल मंत्री ने अधिकारियों पर लगाया जल बोर्ड का धन रोकने का आरोप, जानें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि अधिकारी दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को धन मुहैया कराने में बाधा डाल रहे हैं, जिसकी वजह से विभाग की कई परियोजनाएं धन की कमी के कारण अधर में हैं। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज
दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज


नयी दिल्ली: दिल्ली सरकार के जल मंत्री सौरभ भारद्वाज ने बुधवार को कहा कि अधिकारी दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) को धन मुहैया कराने में बाधा डाल रहे हैं, जिसकी वजह से विभाग की कई परियोजनाएं धन की कमी के कारण अधर में हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, दिल्ली जल बोर्ड (डीजेबी) के साथ धन की कमी पर चर्चा मे भाग लेते हुए मंत्री भारद्वाज ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना पर इस मुद्दे की जानकारी होने के बाद भी कुछ नहीं करने का आरोप लगाया।

भारद्वाज के भाषण के बाद दिल्ली विधानसभा की उपाध्यक्ष राखी बिड़लान ने डीजेबी में धन की कमी के मामले को याचिका समिति के पास भेज दिया और समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया।

डीजेबी परियोजनाओं को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों के बीच तीखी बहस हुई। बहस के दौरान आप विधायकों ने कहा कि अधिकारी धन जारी नहीं कर रहे हैं, जिसकी वजह से उनके निर्वाचन क्षेत्रों में परियोजनाएं बाधित हो रही हैं वहीं भाजपा विधायकों ने कहा कि आप सरकार 'अपनी अक्षमताओं' का ठीकरा दूसरों पर फोड़ने की आदि हो गई है।

भारद्वाज ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा, '' कोरोना वायरस महामारी के दौरान मीटर की रीडिंग लेने वाले कर्मचारी रीडिंग लेने नहीं जा पाए और उस दौरान बिल नहीं बनाए गए। कुछ मामलों में जहां बिल बनाए गए, उनका भुगतान नहीं किया गया। लेकिन इस बार डीजेबी काम कर रहा है तो उन्हें वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है। रोजमर्रा के खर्च का भुगतान पूंजीगत धन के माध्यम से किया गया, जो 1,500 करोड़ रुपये था।''

मंत्री ने कहा कि वित्त विभाग के एक अधिकारी ने सवाल किया कि 1500 करोड़ रुपये कहां खर्च किये गये। मंत्री ने कहा, ''उन्होंने हमसे सवाल किया कि हम राजस्व पर पूंजीगत धन कैसे खर्च कर सकते हैं। हमने उनसे दो हजार करोड़ रुपये देने का अनुरोध किया लेकिन वे फाइलें वापस भेजते रहे।''

सौरभ ने कहा कि वे (अधिकारी) 500 करोड़ रुपये देंगे क्योंकि 1,500 करोड़ रुपये पहले ही आपको दिए जा चुके हैं। भारद्वाज ने विधानसभा को बताया कि पिछले छह महीनों में कोई भी नई परियोजना शुरू नहीं हुई है क्योंकि उनके पास धन ही नहीं है।

भारद्वाज ने दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी से डीजेबी को वित्त आवंटित करने की अनुमति देने का आग्रह किया। उन्होंने आरोप लगाया, ''जल बोर्ड ही एकमात्र विभाग नहीं है, जिसे परेशान किया जा रहा है। दिल्ली विधानसभा की याचिका समिति को शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इससे पहले, सरकारी अस्पतालों में डाटा प्रविष्टि करने वाले विभिन्न ऑपरेटर को भी हटा दिया गया था तथा मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त जांच और वृद्धावस्था पेंशन का भुगतान भी रोक दिया गया था।''










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