दिल्ली सरकार के डीबीएसई ने पहली बार 10वीं, 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए, जानिये पूरा अपडेट

शिक्षा मंत्री आतिशी ने पहली बार सोमवार को दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 15 May 2023, 6:57 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: शिक्षा मंत्री आतिशी ने पहली बार सोमवार को दिल्ली स्कूल शिक्षा बोर्ड (डीबीएसई) की 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित किए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंत्री ने बताया कि 10वीं कक्षा के 1,594 विद्यार्थियों में से 1,582 विद्यार्थी दोनों सत्र की परीक्षाओं में उपस्थित हुए और उनमें से आठ विद्यार्थी उत्तीर्ण होने के लिए आवश्यक तीन ग्रेड अंक हासिल नहीं कर पाए।

उन्होंने बताया कि जो विद्यार्थी आवश्यक ग्रेड अंक हासिल नहीं कर पाए हैं, उन्हें एक महीने बाद पूरक आकलन के जरिए अंकों में सुधार लाने का एक और मौका दिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के लिए कुल 672 छात्रों ने पंजीकरण कराया और 667 छात्र दोनों सत्रों की परीक्षा में उपस्थित हुए।

आतिशी ने बताया कि 12वीं कक्षा के जो पांच छात्र आवश्यक तीन ग्रेड अंक हासिल नहीं कर पाए हैं, उन्हें पूरक आकलन के जरिए अपने प्रदर्शन में सुधार लाने का एक और अवसर दिया जाएगा।

दिल्ली मंत्रिमंडल ने छह मार्च 2021 को डीबीएसई की स्थापना को मंजूरी दी थी। उसी साल दिल्ली सरकार ने चार क्षेत्र एसटीईएम (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित), मानविकी, प्रदर्शन और दृश्य कला तथा हाई एंड 21वीं सेचुरी स्किल्स में विशेष उत्कृष्टता वाले 20 स्कूल स्थापित किए ताकि माध्यमिक तथा उच्च माध्यमिक कक्षाओं में विशेष शिक्षा को बढ़ावा दिया जाए।

डीबीएसई का माध्यमिक प्रमाणपत्र मूल्यांकन (एससीए) दो सत्रों में आयोजित किया गया। दूसरे सत्र की परीक्षाएं इस साल 10 से 29 मार्च के बीच हुई।

डीबीएसई का वरिष्ठ माध्यमिक प्रमाणपत्र मूल्यांकन (एसएससीए) भी दो सत्रों में आयोजित किया गया। दूसरे सत्र की परीक्षा 10 से 27 मार्च तक हुई।

आतिशी ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है।

उन्होंने कहा, ‘‘आज वे देश विकसित कहलाते हैं जिन्होंने अपने बच्चों को विश्व स्तरीय शिक्षा दी। हमने पिछले आठ साल में शिक्षा पर काम किया। प्रत्येक वर्ष दिल्ली का 25 प्रतिशत बजट शिक्षा के लिए आवंटित किया जाता है। पिछले आठ साल में इस बजट के कारण पाठ्यपुस्तकों और वर्दियों की गुणवत्ता में बड़ा परिवर्तन देखा गया है। पिछले तीन साल में कई छात्रों ने निजी स्कूलों से सरकारी स्कूलों में दाखिला लिया है।’’

Published : 

No related posts found.